जगद्गुरु शंकराचार्य जयंती मनाई
वृन्दावन समाचार: स्वामी अखण्डानंद आश्रम में रविवार को जगद्गुरु शंकराचार्य जयंती विविध धार्मिक कार्यक्रमों के मध्य मनायी गयी।
इस अवसर पर संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए स्वामी शिव चेतन पुरी ने कहा कि जगद्गुरु शंकराचार्य विश्व के महान अद्वैत दार्शनिक थे। स्वामी शंकरानंद ने कहा कि शंकराचार्य के सिद्धांत को समझने के लिए चिंतन की आवश्यकता है। डा. शैलेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि शंकराचार्य सूर्य के समान थे। आचार्य परम्परानुसार चिंतन-मनन करने से आत्म साक्षात्कार होता है। शिव स्वरूप ने कहा कि भगवान उपासना से विषयों में फंसा व्यक्ति निकलता है। संत राधा माधव ने कहा कि श्रवण एवं मनन से आत्म साक्षात्कार होता है। शांति, संयम, श्रद्धा आदि से परमात्मा का ज्ञान होता है। संगोष्ठी में राजाराम मिश्र, स्वामी सुमेधानंद आदि ने भी विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर डा. स्वामी गोविंदानंद, संत विश्वात्मानंद, संत परमात्मानंद, रामचेतन, नेत्रपाल शास्त्री, संत रंगानंद आदि उपस्थित थे। संचालन एवं आभार स्वामी सेवानंद ब्रह्माचारी ने किया।
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