रेडियो है जनसंचार का प्रभावी माध्यम
रोहतक, जागरण संवाददाता : रेडियो जनसंचार का प्रभावी माध्यम है। रेडिया का उपयोग मनोरजन, सामाजिक-सामुदायिक सरोकारों के लिए सशक्त ढग से किया जा सकता है। ये विचार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में रेडिया माध्यम पर हुई विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने कहे।
आकाशवाणी रोहतक के लाइव प्रोग्राम- रोड शो का आयोजन इस गोष्ठी में हुआ। कार्यक्रम में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों ने वर्तमान पत्रकारिता की दशा-दिशा, समकालीन मीडिया परिदृश्य, बतौर करियर पत्रकारिता, रेडियो माध्यम, सामुदायिक ब्राडकास्टिग, आदि विषयों पर अपनी अभिव्यक्ति दी।
आकाशवाणी रोहतक की केंद्र निदेशिका सुमन पाल ने बतौर मुख्यातिथि कार्यक्रम में शिरकत की। और विद्यार्थियों से रेडियो कार्यक्रमों से जुड़ने का आह्वान किया। सुमन पाल ने आकाशवाणी रोहतक के रेडियो कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों से नियमित रूप से अखबार पढ़ने तथा समाचार सुनने को कहा। रेडियो प्रसारण के लिए आवाज को साधने के टिप्स सुमन पाल ने दिए।
आकाशवाणी के प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव राकेश कपिला ने विद्यार्थियों से आउट डोर रेडियो ब्राडकास्टिग तथा खेल रिपोर्टिग की जानकारी दी। उन्होंने खेल के लाइव कवरेज संबंधित बारीकियों की चर्चा की। आकाशवाणी से जुड़े रेडियो कार्यक्रम प्रस्तुतकत्र्ता तथा पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के एलुमिनी (1990-91 बैच) राकेश कालड़ा ने रेडिया चैट शो के बारे में बताया।
विभागाध्यक्ष डा. सरोजनी नादल ने कहा कि रेडिया भारत में लोकप्रिय माध्यम है। ग्रामीण अंचल में इस माध्यम का विशेष महलव है। वरिष्ठ प्राध्यापिका सुमेधा धानी ने कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम का संचालन-समन्वयन प्राध्यापक तथा निदेशक(जनसंपर्क) सुनित मुखर्जी ने किया। उन्होंने विश्वविद्यालय में स्थापित किए जा रहे सामुदायिक रेडिया स्टेशन की भी जानकारी दी। आकाशवाणी के इस संवाद कार्यक्रम में जनंसपर्क कर्मी डा. दीपक लठवाल, पूर्व छात्र श्याम सिंह अहलावत एवं पंकज नैन, इमसार की छात्रा शीबा कादयान, दिनेश, अनिल कुमार, मनीषा सौलंकी, कुसुम, मनीष मेहरा, शेखर सिंह, सुरेद्र, छवि, प्रियंका, सुनिल बल्हारा, अजय कुमार, लाल जी, आदि ने प्रमुख रूप से भाग लिया।
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