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फैला है तारों का जाल, पर बिजली मिलना मुहाल

बाराबंकी : यूं तो सात विद्युत उपकेंद्रों के जरिए हजारों किलोमीटर पर विद्युत तारों का जाल बिछाकर फतेह

By Edited By: Published: Sun, 30 Aug 2015 12:10 AM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2015 12:10 AM (IST)
फैला है तारों का जाल, पर बिजली मिलना मुहाल

बाराबंकी : यूं तो सात विद्युत उपकेंद्रों के जरिए हजारों किलोमीटर पर विद्युत तारों का जाल बिछाकर फतेहपुर बिजली उपकेंद्र अपनी पीठ थपथपा सकता है परंतु कई गांवों में टूटे पड़े खंभे लटकते एवं जर्जर विद्युत तार तथा बिन बिजली आपूर्ति के उपभोक्ताओं को बिजली का बिल थमाने के जैसे कई किस्से इस तहसील क्षेत्र के विद्युत वितरण खंड की बदहाली भरी दास्तां बयां करने को काफी हैं। विभाग के पास सरकारी कर्मचारियों का जहां टोटा है। वहीं सैकड़ों संविदाकर्मियों की फौज विभाग की नाक बचाने में जुटी है।

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फतेहपुर विद्युत वितरण केंद्र के अधीन कुल सात विद्युत उपकेंद्र हैं तथा तीन निर्माणाधीन हैं। विद्युत उपकेंद्रों में कुर्सी, रामनगर, सूरतगंज, फतेहपुर देहात, फतेहपुर कस्बा, यूपीएसआईडीसी प्रथम एवं द्वितीय विद्युत उपकेंद्र शामिल हैं। इन उपकेंद्रों से कुल 24 फीडर के जरिए 2575 किलोमीटर एचटी लाइन एवं 2310 किलोमीटर की एलटी लाइन पर करेंट दौड़ता है। कागजों पर विभाग को क्षेत्र में कोई विद्युत समस्या दिखाई नहीं पड़ती। हजारों किलोमीटर एचटी और एलटी लाइन का ताना-बाना आठ क्लर्क, 15 लाइनमैन, सात श्रमिक, छह जेई तथा तीन एई समेत कुल 39 सरकारी कर्मचारियों की देखरेख के अधीन हैं। विभिन्न उपकेंद्रों पर 102 संविदा कर्मी रखकर विभाग जस-तस अपनी लाज बचाने में जुटा है। अभी भी तहसील क्षेत्र के सूरतगंज ब्लॉक में 34, फतेहपुर में 55 एवं ¨नदूरा में 92 ऐसे मौजें हैं। जहां 'बिन बिजली सब सून' की स्थिति बनी हुई है। इस गांव के हजारों बा¨शदे आजादी के छह दशक बीत जाने के बाद भी विद्युत रोशनी को तरस रहे हैं। बिन बिजली के प्रमुख गांवों फतेहपुर के राम जियावन पुरवा, सैलखिया, पंडितपुर, कसियापुर, हैदरगंज, हरखड़ा आदि तथा ¨नदूरा के नारदपुर, हुसैनपुर, अवशेषपुर, विशुनपुर आदि एवं सूरतगंज के जमला, कुतलूपुर, क्योटली, फतेहपुरवा, नहरपुर आदि शामिल हैं। इसी प्रकार कई गांवों में जर्जर खंभें के गिर जाने के बाद से दो बार उसमें विद्युत आपूर्ति नहीं की जा सकी है। कई उपभोक्ताओं को बिन बिजली आपूर्ति के विभाग बिजली का बिल अवश्य पहुंचा रहा है। मूरतप र गांव के सुमेरी लाल बताते हैं कि छह महीने से विद्युत आपूर्ति नहीं हुई है। फिर भी विभाग हजारों रुपये का बिजली बिल पहुंचा रहा है। इसी प्रकार बड्डूपुर के सातेंद्र प्रताप ¨सह अपने गांव में विद्युतीकरण की बाट जोह रहे हैं।

18 ट्रांसफार्मरों पर टिकी है विद्युत व्यवस्था

विद्युत वितरण केंद्र के कुल सात उपकेंद्रों पर पांच-पांच एमवीए क्षमता के कुल 18 ट्रांसफार्मरों के जरिए क्षेत्र के 42 हजार उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति की जाती है। इसी से अक्सर अत्यधिक ओवरलोड होने के कारण लाइनों में फाल्ट आती रहती है।

खराब पड़े हैं दर्जनों ट्रांसफार्मर

अधिशाषी अभियंता नजम अहमद ने बताया कि क्षेत्र के कई फीडरों पर छोटी क्षमता के कुल 13 ट्रांसफार्मर या तो ओवरलोड के चलते फुंक गए हैं या खराब पड़े हैं। जिसमें 10 केवीए के आठ और 25 केवीए के पांच ट्रांसफार्मर शामिल हैं। जिन्हें अतिशीघ्र दुरुस्त कराकर बिजली की आपूर्ति की जाएगी।

तीन बिजलीघर निर्माणाधीन

फतेहपुर तहसील में एक तथा रामनगर तहसील में दो उपकेंद्र लगभग साढ़े पांच करोड़ की लागत से निर्माणाधीन है। दोनों की क्षमता मिलाकर 15 एमवीए की होगी। जिससे क्षेत्र के उपभोक्ताओं को ओवरलोड की समस्या से छुटकारा मिलने की संभावना है।

क्या कहते हैं अधिशाषी अभियंता

अधिशाषी अभियंता नजम अहमद क्षेत्र बिजली से रहित गांवों को आरजेवाई की ग्यारहवीं एवं बारहवीं योजना अंतर्गत शत प्रतिशत गांवों में बिजली पहुंचाने की बात कहते हैं तथा क्षेत्र से संबंधित बिजली व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात भी स्वीकारते हैं।


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