Move to Jagran APP

ग्रामीणों ने किया बीईओ कार्यालय का घेराव

जागरण संवाददाता, द्वाराहाट : राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उभ्याड़ी में शिक्षिकाओं की कमी से

By Edited By: Published: Fri, 31 Jul 2015 10:48 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2015 10:48 PM (IST)
ग्रामीणों ने किया बीईओ कार्यालय का घेराव

जागरण संवाददाता, द्वाराहाट : राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उभ्याड़ी में शिक्षिकाओं की कमी से आक्रोशित ग्रामीणों ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव कर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने विद्यालय में शीघ्र शिक्षकों के रिक्त पद नहीं भरे जाने पर 16 अगस्त से उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।

loksabha election banner

राकउमावि उभ्याड़ी में गणित व विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों के पद खाली होने से छात्राओं का भविष्य अधर में लटका है। शिक्षिकाओं की मांग को लेकर ग्रामीणों ने बीईओ कार्यालय का घेराव कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वक्ताओं ने कहा कि एक ओर सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कर रही है वहीं कई विद्यालय शिक्षक विहीन चल रहे हैं। सामाजिक विषय की शिक्षिका अधिकांश अनुपस्थित रहती है। उन्होंने कहा कि विद्यालय में वर्तमान में 220 छात्राएं अध्ययनरत हैं और शिक्षिकाओं के नहीं होने से अपने भविष्य के प्रति आशंकित हैं। चेतावनी दी है कि शीघ्र शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कि गई तो 16 अगस्त से उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। नारेबाजी करने वालों में बीडीसी राजेंद्र रौतेला, भुवन जोशी, दान सिंह, बचे सिंह बिष्ट, बचुली देवी, अनिता देवी, बीना देवी, चंद्रा रावत, हेमा देवी, नंदी देवी, राधा देवी, प्रकाश अधिकारी, प्रताप रावत, राधे राम, भावना जोशी, नंदी आर्या, मीना नेगी, जसोद सिंह, इंद्रा कबडवाल, लीला देवी, कुंती देवी, दीपा जोशी आदि शामिल थे।

=== इंसेट===

'विद्यालय की समस्याओं से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा तथा खंड स्तर की समस्याओं का तत्काल समाधान कर शिक्षिकाओं की नियुक्ति कर दी जाएगी।

श्याम सिंह बिष्ट, बीईओ'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.