अपने ही पुतले के साथ नटरंग नाट्योत्सव शुरू
जागरण संवाददाता, जम्मू : विश्व रंगमंच दिवस पर नटरंग का पांच दिवसीय नाट्योत्सव शुक्रवार को नाटक 'अपने
जागरण संवाददाता, जम्मू : विश्व रंगमंच दिवस पर नटरंग का पांच दिवसीय नाट्योत्सव शुक्रवार को नाटक 'अपने ही पुतले' के साथ शुरू हुआ। नटरंग स्टूडियो में आयोजित नाट्योत्सव का उद्घाटन करते हुए पद्मश्री बलवंत ठाकुर ने विश्व रंगमंच दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि नाट्योत्सव में पांच निर्देशकों के निर्देशन में पांच नाटकों का मंचन किया जाएगा। आज दुनिया रंगमंच के महत्व को समझ रही है। रंगमंच सभी कलाओं की जननी है। विकसित संसार मानता है कि रंगमंच से सामाजिक विकास संभव है। राज्य में रंगमंच को लेकर किसी सरकार की कोई नीति नहीं। सरकार के नकारात्मक रवैये के बावजूद राज्य का रंगमंच कलाकारों के अपने संघर्ष से शिखर की ओर है। प्रिंसिपल सेक्रेटरी फारेस्ट राकेश गुप्ता, अरविंद आनंद, सुरेश कुमार, सूरज सिंह, राजीव लुथरा, अनिल टिक्कू, सुमित शर्मा, आशीष निजावन आदि कई कलाकार एवं कला प्रेमी उपस्थित थे। नाट्योत्सव के पहले दिन योगेश त्रिपाठी के लिखे एवं नीरज कांत के निर्देशन में नाटक 'अपने ही पुतले' का मंचन किया गया। कलाकारों में महेक्षित सिंह, सैयद मुदस्सर, जूही सिंह, मसूद कादिर, राजन थकयाल, शुभम सोनी, शेखर शर्मा शामिल थे। प्रकाश व्यवस्था अंकुश लखनोत्रा ने की। संगीत नियंत्रण नीरज कांत ने किया। संयोजन आरुषि ठाकुर ने किया। मंच प्रबंधन सचिन बांबा, पंकज वर्मा, शिवानी सिंह ने किया।