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'देश आज तकदीर के तिराहे पर खड़ा'

By Edited By: Published: Wed, 16 Apr 2014 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 16 Apr 2014 01:00 AM (IST)
'देश आज तकदीर के तिराहे पर खड़ा'

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : साहित्यकार समाज का सजग प्रहरी है। अपने लेखन के माध्यम से समाज की स्थितियों पर दृष्टिपात करना और निराकरण की स्थितियों का निर्माण करने हेतु लोगों को प्रेरित करना हर युग में साहित्यकारों की भूमिका रही है। उपरोक्त बातें मंगलवार को सिंहभूम जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में तुलसी भवन सभागार में आयोजित साहित्यकारों की चौपाल में साहित्यकार व समाजसेवी हरबिल्लभ सिंह 'आरसी' ने कही। डॉ. नर्मदेश्वर पाण्डेय ने कहा कि जरूरत इस बात की है सर्वाधिक मतदान की स्थितियां बनें। देश आज तकदीर के तिराहे पर खड़ा है। लोग इस संकट को समझें। अरुण कुमार तिवारी ने सबसे आग्रह किया कि वे पहले मतदान, बाद में जलपान की भावना अपने अंदर जागृत करें। संचालन श्रीराम पाण्डेय भार्गव ने किया। चौपाल को यमुना तिवारी ने भी संबोधित किया। इसमें ममता सिंह, नीलिमा पाण्डेय, मंजू ठाकुर, डॉ. अजय ओझा, श्यामल सुमन सहित कई साहित्यकार उपस्थित थे।


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