72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए कवायद शुरू
लखनऊ(राज्य ब्यूरो)। सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद
लखनऊ(राज्य ब्यूरो)। सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों में शिक्षकों के 72825 खाली पदों पर भर्ती की बुनियादी कवायद शुरू हो गई है। राज्य सरकार ने बीएड डिग्रीधारकों को प्राथमिक शिक्षक नियुक्त करने के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से जहां समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश का हवाला देते हुए उसने इस बाबत चुनाव आयोग को भी इत्तिला दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 25 मार्च को अपने अंतरिम आदेश में शिक्षकों की भर्ती तीन महीने में पूरी करने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि शिक्षकों की भर्ती हाई कोर्ट के आदेशानुसार अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के आधार पर की जाए। सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश आने के बाद शासन स्तर पर तय नहीं हो पा रहा था कि राज्य सरकार आदेश पर अमल करते हुए भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी या फिर सर्वोच्च न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दाखिल करेगी। सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने बताया कि शासन में शीर्ष स्तर पर फैसला हो गया है कि सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश पर अमल करते हुए भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। लिहाजा बेसिक शिक्षा विभाग भर्ती की कवायद में जुट गया है।
यह भर्ती 30 नवंबर 2011 को जारी विज्ञापन के आधार पर होनी है। उस विज्ञापन के आधार पर अभ्यर्थियों से प्राप्त हुए आवेदन पत्र जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में जमा हुए थे। इसलिए शासन ने राज्य शैक्षिक, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से पूछा था कि शिक्षक भर्ती के संदर्भ में विभिन्न डायट में कितने आवेदन प्राप्त हुए थे? इनमें से कितने आवेदन पत्रों की कंप्यूटर में डाटा फीडिंग की जा चुकी है? कितने अभ्यर्थियों ने आवेदन शुल्क वापस ले लिया है? एससीईआरटी ने इस बाबत शासन को ब्योरा उपलब्ध करा दिया है। ब्योरे के मुताबिक विभिन्न डायट में अभ्यर्थियों के तकरीबन 69 लाख आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। इनमें से लगभग 54 लाख आवेदन पत्रों की कंप्यूटर पर डाटा फीडिंग की जा चुकी है।
प्राथमिक शिक्षकों के इन 72825 पदों पर बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों की होनी है। एनसीटीई ने इन पदों को भरने के लिए 31 मार्च 2014 तक की समयसीमा तय की थी। निर्धारित समयावधि में भर्ती न होने की वजह से सरकार ने अब एनसीटीई से इस समयसीमा को बढ़ाने का आग्रह किया है।