जिले की मांग को लेकर नौवें दिन भी डटे रहे बसोहलीवासी
संवाद सहयोगी, बसोहली : पहाड़ी जिले की मांग को लेकर बसोहली जिला एक्शन कमेटी के बैनर तले लोग पिछले नौ दिनों से रोष प्रदर्शन कर रैलियां निकाल रहे हैं। मंगलवार को भी बार एसोसिएशन के प्रधान सुरेंद्र अबरोल और राजनीतिक दलों के नेताओं ने कस्बे में जिले की मांग को लेकर रैली निकाली।
रैली कस्बे के वार्ड नंबर 7, 8, 9, 10 से होती हुई रामलीला मैदान तक पहुंची। रैली में शामिल राजेंद्र पुरोहित, रजत सपोलिया, पवन पुरोहित, वेद फंदा, देव राज रैना, राम प्रसाद, जगदेव सिंह, बलवीर सिंह, सत प्रकाश पुरोहित, मोहन मेहरा, उर्मिला राजदान आदि ने कहा कि जब तक राज्य सरकार बसोहली को जिला घोषित नहीं करती बसोहली तहसील के लोग चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि बिलावर को अलग जिले के लिए लड़ना चाहिए लेकिन मौजूदा समय में पहाड़ी जिले का हकदार सिर्फ बसोहली है। अभी लोग शांतिपूर्वक रैलियां निकालकर सरकार को सोचने के लिए मजबूर कर रहे हैं। मांग पूरी न होने पर सरकार उनका कड़ा रुख भी देखेगी। चक्का जाम और अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा सकती है। उन्होंने सरकार को फिर से प्रशासनिक इकाइयों पर विचार करने वाली सूची में बसोहली को जिला बनाने के लिए पहले करने की मांग की।
बार एसोसिएशन ने
घर-घर किया प्रचार
बार एसोसिएशन के सदस्यों ने मंडला गांव में घर-घर जाकर बसोहली को जिला बनाने की मुहिम को लेकर नए सदस्यों को जोड़ने के लिए प्रचार करते हुए लोगों को बसोहली क्यों जिला बनाया जाना चाहिए और इस गांव को इस से क्या फायदा होगा इस बारे में विस्तारपूर्वक बताया। इस अवसर पर जिला संघर्ष समिति के उप प्रधान करतार सिंह एडवोकेट, शुभ पुरोहित एडवोकेट, अनिल शर्मा एडवोकेट, जावेद एडवोकेट, विरेंद्र सिंह एडवोकेट, हरीश ब्रह्मी एडवोकेट, कुलदीप शर्मा, अमरीश शर्मा आदि मौजूद थे।
शीतलनगर के लोगों
ने भी किया समर्थन
बसोहली-बनी सड़क पर बसे गांव, जिसे सरकार द्वारा ब्लॉक का दर्जा दिया गया है उसे तहसील बनाने के लिए लोगों ने गांव में रैली निकाली। स्थानीय युवा खादिम हुसैन के नेतृत्व में निकाली गई इस रैली में युवाओं ने बसोहली को जिला, शीतलनगर को तहसील एवं हट माश्का को नयाबत का दर्जा दने की मांग की। खादिम हुसैन ने कहा कि सरकार को शीतलनगर को तहसील बनाना चाहिए। महानपुर को तहसील बनाया जिसकी बिलावर से दूरी लगभग 20 किलोमीटर है और बसोहली से 30 जबकि शीतलनगर की दूरी 45 किलोमीटर है और इसके आसपास के सभी गांव अभी भी विकास से पिछड़े हैं। इस अवसर पर युवाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया और कहा कि अगर जरूरी हुआ तो वह आने वाले समय में इससे भी उग्र आंदोलन करेंगे।