पटाखा फैक्ट्री में धमका, दो की मौत
उन्नाव, जागरण संवाददाता: सोमवार सुबह लगभग पौने नौ बजे लखनऊ कानपुर राजमार्ग पर निर्माणाधीन आरओबी के पास स्थित पटाखा फैक्ट्री में जोरदार धमाके से हड़कंप मच गया। इसमें वहां काम कर रहे एक युवक के चीथड़े उड़ गए। मां और उसकी तीन बेटियों को गंभीर हालत में कानपुर हैलट अस्पताल रिफर कर दिया गया। इसमें एक की इलाज के दौरान मौत हो गई जबकि तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने फैक्ट्री में रखे बने व अधबने पटाखों पर पानी का छिड़काव कर उसे निष्क्रिय कर दिया।
सोमवार सुबह लगभग पौने नौ बजे राजमार्ग किनारे स्थित पटाखा फैक्ट्री गौरव फायर वर्क में जोरदार धमका हुआ। धमका इतना जबदस्त था कि आसपास के घरों में लगे बल्ब, सीएफएल चूर हो गया और दीवारें हिल गई। लगभग पांच मिनट तक फैक्ट्री और उसके आसपास धुंध छा गई। कुछ ही देर में लोगों को घटना की जानकारी हुई और लोग मौके पर पहुंचे तो अंदर का नजारा काफी चौकाने वाला था। इसपर आसपास के लोगों ने 108 एंबुलेंस, पुलिस व फायर ब्रिगेड को सूचना दी। कुछ देर में पुलिस व एंबुलेंस आदि मौके पर पहुंची। घटनास्थल पर कराह रही चार महिलाओं को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। फैक्ट्री में हुए धमाके की सूचना पर पहुंचे जिला अस्पताल में प्लंबर का काम करने वाले मोती लाल पुत्र राम चहेल निवासी जुराखन खेड़ा ने चारों घायल महिलाओं की पहचान पत्नी शांति (50) और पुत्रियों में शिव देवी (23), राजकुमारी (32) पत्नी सुरेश व फूल कुमारी (30) पत्नी शिव शंकर के रूप में की। यह लोग कांशीराम कालोनी में रहने वाले हैं। राजकुमारी कानपुर के जेके मंदिर पास उसकी ससुराल थी, लेकिन वर्तमान में यहां उम्मीदों के शहर में रहती थी।
घटना की सूचना पर पहुंचे जिलाधिकारी विजय किरण आनंद व पुलिस अधीक्षक रतन कुमार श्रीवास्तव, एसडीएम सरजू प्रसाद शुक्ल, एएसपी राम किशुन यादव ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद सभी जिला अस्पताल पहुंचे। जहां उन्होंने घायलों की हालत के बाबत सीएमएस डॉ. एके चतुर्वेदी से बात की। फिर उन्हीं के परामर्श पर चारों को कानपुर हैलट के लिए रिफर कर दिया। एंबुलेंस से चारों को जिला अस्पताल भेजा गया जहां पहुंचने पर राजकुमारी की मौत हो गई। अन्य को भर्ती कर लिया गया। सभी की हालत गंभीर बनी हुई है।
इस बीच घायल महिलाओं की शिनाख्त करने पहुंचे मोती लाल से कोतवाली पुलिस ने तहरीर ली। देर शाम तक घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई थी। कोतवाल जयकरण सिंह का कहना है कि जांच की जा रही है। हादसा लाइसेंसी फैक्ट्री में हुआ है। जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
हिल गई दिवारें, उड़ गई टंकी
बारूदी धमका कितना जोरदार था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पास पड़ोस के कई मकानों में झटके महसूस किए गए वहीं बल्ब, सीएफएल आदि टूट गए। फैक्ट्री के पिछले हिस्से में लगा टीन सेड उड़ गया और अंदर रखी टीन की टंकी आदि सामान धमाके के साथ उड़ गई।
सौ मीटर दूर तक गिरे मांस के टुकड़े
धमाके मृत छोटू उर्फ राजेश का पैर व शरीर के गई अंगों के मांस के टुकड़े घटनास्थल से लगभग सौ मीटर दूरी तक बिखरे मिले। जिन्हें पुलिस ने बाद में जगह जगह से चुनकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
पटाखा व फुलझड़ी का था लाइसेंस
सोमवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए हादसा कैसे हुआ इसका खुलासा तो जांच के बाद होगा, लेकिन पुलिस की प्राथमिक जांच के बाद पाया गया कि गौरव फायर वर्क फैक्ट्री लाइसेंसी थी। इसके लाइसेंस धारक आनंद मोहन द्विवेदी के पास जिलाधिकारी से निर्गत 50 किलो कम आवाज वाले पटाखे और 400 किलो तक फुलझड़ी तैयार करने की स्वीकृति 31 मार्च 2014 तक थी।
तो गायब है ठेकेदार
अख्तर जिन्हें ठेकेदार बताया जा रहा है व सप्लायर थे। गौरव फायर वर्क के पास पटाखा बनाने के अलावा इसे बेचने का भी लाइसेंस है। जबकि चर्चा है कि फैक्ट्री में काम कर रहे श्रमिकों को अख्तर द्वारा ही लगाया गया था। घटना के बाद से ठेकेदार अख्तर अली का भी कुछ पता नहीं चला है।
पटाखे तैयार करते समय हुआ हादसा, जांच में पता चलेगा कारण
सोमवार पटाखा फैक्ट्री में सुबह हुए विस्फोट के मामले में अपर पुलिस अधीक्षक राम किशुन यादव ने कहा कि विस्फोट के समय जो लोग अंदर थे उनमें दो की मौत हो चुकी है जबकि बाकी के लोग बुरी तरह से घायल हैं। अभी उनसे हादसे का सही कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। दूसरा कोई अंदर नहीं था इससे हादसे का सटीक कारण भी नहीं पता चल पाया है। जांच की जा रही है, रिपोर्ट आने पर ही कुछ स्पष्ट हो सकेगा।
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