मनरेगा में 'खेल' को रोकेगी डिवाइस
मधुसूदन बहुगुणा, नई टिहरी:
मनरेगा में धांधली व भ्रष्टाचार रोकने में अब एक डिवाइस दिव्यास्त्र साबित होगी। केंद्र सरकार आईसीडी इंफॉरमेशन कम्यूनिकेशन डिवाईस तैयार कर रही है। इसके बाद मनरेगा मे श्रमिकों की फर्जी हाजिरी व अन्य फर्जीवाड़े पूरी तरह से रुक सकेंगे।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा में भ्रष्टाचार आम बात है। मजदूरों की फर्जी हाजिरी से लेकर फर्जीवाड़ा कर बिना मजदूरी किए भी मनरेगा के रुपये लेने मामले प्रकाश में आते रहते हैं, लेकिन डिवाइस के लागू होने के बाद इस तरह का फर्जीवाड़ा रुक सकेगा। डिवाइस परीक्षण के आखिरी दौर में है। मानकों पर खरा उतरने के बाद ही इसे प्रयोग मे लाया जा सकेगा। डिवाईस में मनरेगा के सभी श्रमिकों के फिंगर प्रिंट अपलोड किए जाएंगे व श्रमिकों का पूरा डॉटा कंप्यूटर में फीड किया जाएगा। श्रमिकों को कंप्यूटर पर उपस्थिति दर्ज करानी होगी, यदि कोई श्रमिक कार्य स्थल से दो किमी के दायरे से बाहर गया तो कंप्यूटर उसकी गैरहाजिरी लगा देगा। डिवाईस श्रमिकों के बैंक अकाउंट से सीधे जुड़ी होगी ताकि श्रमिकों की मजदूरी सीधे अकाउंट में जा सके। इस तरह की डिवाईस अभी केवल बिहार में ही प्रयोग की जा रही है। डिवाईस के लगने के बाद मनरेगा के लगभग 80 प्रतिशत कार्य ऑनलाइन हो जाएंगे।
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डिवाइस का लिया प्रशिक्षण
पिछले महीने टिहरी विकास कार्यालय से कुछ कर्मचारी डिवाइस के प्रशिक्षण के लिए बिहार गए थे। उस वक्त तत्कालीन सीडीओ सविन बंसल भी डिवाइस की कार्यप्रणाली समझ कर आए थे।
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वसूले थे 40 लाख
पिछले वर्ष मनरेगा लोकपाल ने धांधलियों की 98 शिकायतों की जांच की थी। जिनसे 40 लाख रुपये की वूसली की गई थी। जांच के दौरान 130 दोषियों पर मुकदमा दर्ज किया गया। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि मनरेगा में कितने बड़े पैमाने पर गोलमाल किया जा रहा है। डिवाइस की कवायद से उम्मीद है कि इस तरह के गोलमाल पर रोक लगेगी।
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मनरेगा में धांधली रोकने के लिए आईसीडी इंफॉरमेशन कम्यूनिकेशन डिवाईस बनाई जा रही है। इससे निसंदेह ही धांधली पर रोक लगेगी व काम पारदर्शिता के साथ होगा। केंद्र से अनुमति मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
अर्चना गहरवार, मुख्य विकास अधिकारी, टिहरी गढ़वाल
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