फंसी या फंसाई गई एनओसी की पत्रावली !
निज प्रतिनिधि, फीरोजाबाद : न कोई फैसला हुआ। न अभी तक यह साबित हुआ है कि क्षमता वृद्धि हुई है या नहीं। बस एक जवाब में बोर्ड से लेकर सभी की कार्रवाई रुक गई। कोल के आधार पर ही फैक्ट्री में गैस की फर्नेश स्थापित करने का जवाब एवं डीआइसी के एक पत्र के साथ में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पत्रावली को मुख्यालय भेज दिया। इस पर अभी तक मुख्यालय से कोई फैसला नहीं आया है।
मामला शहर की उन आधा दर्जन इकाइयों से जुड़ा हुआ है, जिन्हें गेल ने कुछ माह पूर्व क्षमता वृद्धि का आरोपी बताते हुए नोटिस थमाए थे। इन नोटिस में क्षमता वृद्धि को गलत बताया था। इसके बाद में इन इकाइयों के द्वारा काफी भागदौड़ की गई। पूर्व में कोल से चलने वाली फैक्ट्री के कागज भी निकाले गए। इसके बाद कोल आवंटन के आधार पर खुद को गैस आने से पूर्व इतनी ही क्षमता की फैक्ट्री बताते हुए इसके आधार पर गैस के प्रयोग का तर्क दिया।
बोतल प्लांट की इन इकाइयों के जवाब को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मुख्यालय को भेज कर इतिश्री कर ली। बताया जा रहा है डेढ़ माह से भी अधिक वक्त बीत जाने पर अभी तक मुख्यालय से कोई भी जवाब नहीं आया है। इसके चलते इन इकाइयों को एनओसी भी नहीं मिल पा रही है तो विभाग की कार्रवाई भी थमी हुई है। सवाल यह है अगर उक्त इकाइयों का जवाब सही है तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अभी तक इन इकाइयों को एनओसी क्यों जारी नहीं की? अगर इनका जवाब उपयुक्त नहीं है तो विभाग कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा।
क्या है मामला
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक टीटी जेड में क्षमतावृद्धि पर रोक लगी है। ऐसे में 5-6 बोतल प्लांट को नोटिस दिए थे। नोटिस मिलने के बाद में बोतल प्लांट वालों में खलबली मच गई। ऐसे में जिला उद्योग केंद्र के पुराने रिकार्ड के आधार पर इन्होने अपना जवाब सौंपा। इस जवाब में इन्होंने कोल फर्नेश की कैपिसिटी का हवाला आवंटित कोयले के आधार पर दिया। इन्होंने कहा कोल के आधार पर ही इनको इतनी गैस प्रयोग करने की अनुमति मिलनी चाहिए।
अफसरों की बात
''कुछ इकाइयों ने कोयले की क्षमता को आधार बनाते हुए कहा था कि उद्योग की पूर्व क्षमता के आधार पर ही गैस फर्नेश स्थापित किया जा रहा है। गैस का प्रयोग कोयले के सापेक्ष उसी अनुपात में किया जाएगा। उद्योग की उत्पादन क्षमता में वृद्धि न करने की बात करते हुए यह जबाव भेजा गया था। इनकी पत्रावली मुख्यालय को भेजी गई है। वहां से इस पर फैसला होगा तथा एनओसी मुख्यालय से मिलेगी।''
-राजेंद्र प्रसाद, क्षेत्रीय अधिकारी
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।
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