वाणिज्य कर दस्तावेजों की अगले माह स्क्रूटनी
कानपुर, कार्यालय संवाददाता: वाणिज्य कर विभाग में अगले माह दस्तावेजों की स्क्रूटनी की जाएगी ताकि विभिन्न वित्तीय वर्षो के लंबित मामले सामने आ सके। इतना ही नहीं व्यापारियों पर बकाया राशि और उनके देय रिफंड की भी जांच की जाएगी।
वाणिज्य कर आयुक्त वीरेश कुमार ने सभी अधिकारियों को पत्र भेज कर कहा है कि तीन से 30 जून तक होने वाली दस्तावेजों की स्क्रूटनी का काम हर हाल में पूरा करना है। इस अवधि में सामान्य कर निर्धारण का काम बंद रहेगा किंतु 31 जुलाई 2013 तक कालबाधित होने वाले कर निर्धारण मामलों अथवा न्यायालय के निर्देशानुसार निस्तारण योग्य मामलों, विशेष अनुसंधान शाखा की जांच से संबंधित मामलों, आडिट के लंबित मामलों और वैट अधिनियम के तहत समय बद्ध रूप से निस्तारित किए जाने वाले प्रार्थना पत्रों का निस्तारण जरूर किया जाएगा। निर्देश दिए गये हैं कि इस अवधि में संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को कोई अवकाश नहीं दिया जाएगा। कहा गया है कि संबंधित कार्यालयों में तैनात अधिकारी स्क्रूटनी में लगे कर्मचारियों के काम का समय-समय पर निरीक्षण करते रहें ताकि काम समय पर समाप्त हो जाए।
.. खास बिंदु जिन पर होगा काम ..
øø आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) रजिस्टर तथा मानीटरिंग रजिस्टर को अपडेट किया जाए।
øø जिन व्यापारियों ने लगातार चार माह में कोई कर नहीं जमा किया है, उन्हें चिन्हित करते हुए विधिक कार्रवाई की जाए।
øø जिन व्यापारियों के कर निर्धारण वाद लगातार पिछले दो सालों से एक पक्षीय रूप से निस्तारित किए गए हैं एवं व्यापार चलने का कोई साक्ष्य अभिलेख पर नहीं है, ऐसे में अगले वर्ष की पेंडेंसी तब तक न खोली जाए जब तक व्यापार स्थल की जांच पर व्यापार पंजीयन सीमा से अधिक न पाया जाए।
øø खंड स्तर पर एक लाख से अधिक बकाया के स्थगित मामलों का अलग से रजिस्टर बनाया जाए जिसमें अपील, द्वितीय अपील, उच्च व सर्वोच्च न्यायालय से स्थगित मामलों का विवरण रहे जिसमें व्यापारी का नाम, पता, वर्ष, धनराशि, शीघ्र निस्तारण के लिए किए गये प्रयास का उल्लेख हो।
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