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मेरे और माराडोना जैसा दूसरा कोई नहीं : पेले

ब्राजील के महानतम फुटबॉलर पेले ने कहा कि उनके और अर्जेंटीना के डिएगो माराडोना जैसा कोई और नहीं होगा। फुटबॉल के जादूगर कहे जाने वाले 74 वर्ष के एडसन अरांतेस डो नासिमेंटो उर्फ पेले अगले सप्ताह 56वें सुब्रतो कप 2015 फाइनल के विशेष दूत के तौर पर यहां आएंगे।

By sanjay savernEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2015 08:52 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2015 08:56 PM (IST)
मेरे और माराडोना जैसा  दूसरा कोई नहीं : पेले

नई दिल्ली। ब्राजील के महानतम फुटबॉलर पेले ने कहा कि उनके और अर्जेंटीना के डिएगो माराडोना जैसा कोई और नहीं होगा। फुटबॉल के जादूगर कहे जाने वाले 74 वर्ष के एडसन अरांतेस डो नासिमेंटो उर्फ पेले अगले सप्ताह 56वें सुब्रतो कप 2015 फाइनल के विशेष दूत के तौर पर यहां आएंगे।

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उन्होंने कहा कि पेले सिर्फ एक ही होगा, क्योंकि मेरे माता पिता दूसरा पेले पैदा नहीं कर सकते। हर खिलाड़ी बेमिसाल और अलग होता है। इसी तरह माराडोना, जिनेदिन जिदान या बेकनबउर जैसा भी कोई नहीं होगा। ब्लैक पर्ल के नाम से मशहूर पेले तीन विश्व कप और एक बार फीफा के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार जीत चुके हैं। अपने करियर में उन्होंने 1283 गोल किए। पेले ने पहली बार 1958 विश्व कप में 17 साल की उम्र में खेला था। उसके बाद 1962 और 1970 में ट्रॉफी जीती।

उन्होंने कहा कि मैंने अपना बचपन स्थानीय टूर्नामेंट खेलते हुए बिताया जिस पर वाल्डेमार डि ब्रिटो ने मेरी प्रतिभा को पहचाना। उन्होंने मुझे सांतोस एफसी के लिए खेलने का मौका दिया जिससे मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई। मैं 20 साल तक क्लब के लिए खेलता रहा। पेले ने कहा कि भारत जैसे देश के लिए सुब्रतो कप की तरह के टूर्नामेंट जरूरी हैं, जिससे युवाओं की हौसलाअफजाई होती है। युवाओं को सक्रिय और स्वस्थ रखने का सर्वश्रेष्ठ तरीका खेल है। युवाओं के लिए होने वाले टूर्नामेंटों से उन्हें अपने कौशल को निखारने, कोचों और साथियों से सीखने और नए दोस्त बनाने का मौका मिलता है। पेले ने कहा कि मैं बच्चों से मिलकर उन्हें टीमवर्क, अच्छी खेलभावना, सम्मान और कड़ी मेहनत के बारे में बताऊंगा। मैं उन्हें यह भी बताऊंगा कि फुटबॉल एक या दो स्टार खिलाडिय़ों के बारे में नहीं है। एक टीम के रूप में ही जीता जा सकता है। मेरा लक्ष्य प्रेरक कहानियां बताना और युवाओं को सलाह देना है। मैं उनसे अपना इतिहास साझा करना चाहता हूं। पिछली और एकमात्र बार पेले 1977 में भारत आए थे। आधुनिक फुटबॉल के बारे में पूछने पर उन्होंने लियोन मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो को सर्वश्रेष्ठ बताया। उन्होंने कहा कि इनके अलावा मेरे देश का नेमार भी है। वह भी सांतोस क्लब से आया है।

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