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खेल बजट: ओलंपिक क्वालीफिकेशन वर्ष में होगी दिक्कत

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले साल आम बजट में युवा और खेल मंत्रालय को मोटा पैकेज दिया था और अपने भाषण में कहा था कि भारतीय खेल को आगे बढ़ाने के लिए इसकी जरूरत है,

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sun, 01 Mar 2015 06:28 AM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2015 06:45 AM (IST)

नई दिल्ली । वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले साल आम बजट में युवा और खेल मंत्रालय को मोटा पैकेज दिया था और अपने भाषण में कहा था कि भारतीय खेल को आगे बढ़ाने के लिए इसकी जरूरत है, लेकिन शनिवार को अपना दूसरा बजट पेश करते समय उन्होंने अपने भाषण में खेल का जिक्र तक नहीं किया। यही नहीं कई योजनाओं में कम पैसा आवंटित होने से ओलंपिक क्वालफिकेशन वर्ष में एथलीटों की तैयारियों में दिक्कत आएगी।

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जेटली ने पिछले साल युवा मामलों और खेल मंत्रालय के लिए योजनागत बजट के रूप में 1643 करोड़ रुपये और गैरयोजनागत बजट के लिए 126 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। यही नहीं कुछ महीने बाद संशोधित बजट में इसे क्रमश: 1008 करोड़ और 148.61 करोड़ रुपये कर दिया गया। शनिवार को नए वित्त वर्ष के लिए पेश आम बजट में वित्त मंत्री ने खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय के लिए 1389.48 करोड़ रुपये का योजनागत बजट प्रस्तावित किया है, जो पिछले वर्ष के प्रस्तावित योजनागत बजट से 253.52 करोड़ रुपये कम है।

हालांकि वह कह सकते हैं कि पिछले वित्त वर्ष के संशोधित योजनागत बजट से यह 381.48 करोड़ रुपये ज्यादा है। सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के बजट में 35.7 करोड़ रुपये की कटौती की गई है। साइ को पिछली बार के 405 करोड़ रुपये की जगह इस बार 369.39 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है। ओलंपिक क्वालीफिकेशन वर्ष होने के कारण राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) फंड बढ़ाने की मांग कर रहे थे, लेकिन उनके लिए सिर्फ 185 करोड़ रुपये ही आवंटित हुए हैं।

उनके फंड में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। राष्ट्रीय खेल महासंघों में इसको लेकर बहुत रोष है। उनका कहना है कि अगले साल रियो डि जेनेरियो में ओलंपिक होना है और उसकी तैयारी के लिए हमारे खिलाडिय़ों को विदेशी दौरों पर भेजना है और विशेष प्रशिक्षण की भी जरूरत है, लेकिन फंड नहीं मिलने के कारण काफी दिक्कत होगी। यही नहीं टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम को नेशनल स्कीम डेवलपमेंट फंड (एनएसडीएफ) से धन मिलना था, लेकिन एनएसडीएफ के लिए सिर्फ पांच करोड़ रुपये ही आवंटित हुए हैं।

खेल सचिव अजीत मोहन शरण ने कहा कि हमारे पास इस योजना को चलाने के लिए कॉरपोरेट की मदद से 120 करोड़ रुपये पहले ही आ चुके हैं इसलिए हमें धन की कमी नहीं होगी। यही नहीं सरकार ने राजीव गांधी खेल अभियान के बजट में भी कटौती की है। उसे 20 करोड़ की जगह सिर्फ 14.86 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं।

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