मेरे लिए ऑल इंग्लैंड किसी अन्य टूर्नामेंट की तरह: सिंधू
करियर की सर्वश्रेष्ठ पांचवीं रैंकिंग हासिल कर चुकी सिंधू की नजरें साल के अंत तक शीर्ष तीन खिलाडि़यों में शामिल होने पर टिकी हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता पीवी सिंधू आगामी ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप को अलग से कोई विशेष महत्व नहीं देना चाहतीं। गचीबाउली में पुलेला गोपीचंद अकादमी में ट्रेनिंग करने वाली हैदराबाद की 21 वर्षीय सिंधू ने कहा, 'लोग ऑल इंग्लैंड के नाम से सोच सकते हैं कि यह बड़ा टूर्नामेंट है। लेकिन एक खिलाड़ी होने के नाते मैं उन्हीं खिलाडि़यों के खिलाफ खेलूंगी जिनके खिलाफ अन्य सुपर सीरीज टूर्नामेंटों में खेलती हूं, इसलिए यह मेरे लिए उनके समान है।'
इस छह लाख डॉलर (लगभग चार करोड़ रुपये) इनामी प्रतियोगिता का आयोजन बर्मिंघम में सात से 12 मार्च तक खेला जाएगा। सिंधू के मेंटर और भारत के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद और दिग्गज खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण ही दो भारतीय हैं, जिन्होंने अब तक ऑल इंग्लैंड टूर्नामेंट जीता है। साइना नेहवाल 2015 में खिताब के काफी करीब पहुंची थीं, लेकिन उन्हें फाइनल में ओलंपिक चैम्पियन कैरोलिना मारिन से हार का सामना करना पड़ा था।
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सिंधू ने कहा, 'मैं अच्छी तैयारी कर रही हूं और टूर्नामेंट में प्रत्येक मैच समान रूप से महत्वपूर्ण है। मैं यहां लड़कों के साथ खेल रही हूं जिससे मुझे मदद मिलेगी। मैं लक्ष्य को हासिल करने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत कर रही हूं।' भारतीय शटलर को क्वार्टर फाइनल में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी ताइ जू यिंग का सामना करना पड़ सकता है, जिनके खिलाफ उन्होंने पांच मुकाबले गंवाए हैं, जिसमें हाल में हांगकांग ओपन में मिली हार भी शामिल है। करियर की सर्वश्रेष्ठ पांचवीं रैंकिंग हासिल कर चुकी सिंधू की नजरें साल के अंत तक शीर्ष तीन खिलाडि़यों में शामिल होने पर टिकी हैं। उन्होंने कहा, 'जब मैंने पिछले साल सत्र की शुरुआत की, मुझे उम्मीद थी कि मैं अपनी रैंकिंग में सुधार करूंगी। अब मैं साल के अंत तक दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी बनने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं।'