खेलों के सामान पर जीएसटी के असर से निशानेबाज चिंतित, जेटली से मिलेंगे
खेल उपकरणों पर 18 से 28 प्रतिशत जीएसटी देना होगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। खेल सामान पर जीएसटी लागू होने से पूरे निशानेबाजी समुदाय में चिंता का माहौल है और भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआइ) इस सिलसिले में वित्त मंत्रालय से संपर्क करेगा।
एनआरएआइ ने कहा है कि वह निशानेबाजों के लिए अपनी ओर से हरसंभव कोशिश करेगा। खेल सामान पर जीएसटी के तहत ऊंची दर से कर लगने से निशानेबाज काफी चिंतित हैं। इससे विदेश से निशानेबाजी उपकरण खरीदने पर उन्हें भारी खर्च करना पड़ेगा।
एनआरएआइ अध्यक्ष रनिंदर सिंह ने कहा, 'हमने वित्त मंत्रालय के सामने यह मसला रखा है और हमें उम्मीद है कि इसका जल्दी हल निकलेगा। एनआरएआइ अपनी ओर से पूरी कोशिश करेगा कि खिलाड़ियों और खेल पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
पिस्टल किंग जसपाल राणा ने कहा, खेल सामान पर जीएसटी लगाना अवरोधक है खासकर उन खिलाड़ियों के लिए जो गरीब घरों से आते हैं। उन्होंने कहा, 'देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई करने वाले की बजाय उन पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है कि खेल उपकरणों पर 18 से 28 प्रतिशत जीएसटी देना होगा।'