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खेल संघों के सर्टिफिकेट पर नहीं मिलेगी किराए में रियायत

टेनिस और बॉक्सिंग समेत आठ प्रमुख खेलों से जुड़े खिलाडि़यों को अब उनके खेल संघों के सर्टिफिकेट पर रियायती रेल यात्रा की सुविधा नहीं मिलेगी।

By ShivamEdited By: Published: Sat, 27 Aug 2016 10:46 PM (IST)Updated: Sun, 28 Aug 2016 10:32 AM (IST)

संजय सिंह, नई दिल्ली। टेनिस और बॉक्सिंग समेत आठ प्रमुख खेलों से जुड़े खिलाडि़यों को अब उनके खेल संघों के सर्टिफिकेट पर रियायती रेल यात्रा की सुविधा नहीं मिलेगी। सस्ते टिकट पर ट्रेन का सफर करने के लिए उन्हें भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) का सर्टिफिकेट पेश करना होगा।

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जी हां, रियो ओलंपिक में भारत के निराशाजनक प्रदर्शन के पीछे खेल संघों में व्याप्त गुटबाजी और भाईभतीजावाद को वजह मानते हुए सरकार ने विवादित खेल संघों के अधिकारों में कटौती करने की मुहिम के तहत यह निर्णय लिया है।

रियो में भारत के निराशाजनक प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री मोदी की नाराजगी के बाद खेल तंत्र में व्याप्त सड़ांध की सफाई शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री के निर्देश पर अगले तीन ओलंपिक की तैयारियों के लिए कार्यबल बनाने के साथ सरकार ने खेल संघों को जवाबदेह बनाने का निर्णय लिया है। इसकी बानगी के तौर पर खेल मंत्रालय ने रेलवे को ऐसे आठ खेल संघों के प्रमाणपत्र स्वीकार न करने को कहा है जो विवादास्पद अथवा गुटबाजी का शिकार हैं। इन खेल संघों में बास्केटबॉल, जूडो, ताइक्वांडो, टेनिस, टेबल टेनिस, तीरंदाजी, जिम्नास्टिक, और बॉक्सिंग के नाम शामिल है।

खेल मंत्रालय की सलाह पर तत्काल अमल करते हुए रेल मंत्रालय ने इन आठों खेल संघों द्वारा जारी प्रमाणपत्र स्वीकार करने बंद कर दिए हैं। इस संबंध में रेलवे बोर्ड की ओर से सभी जोनों को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि अबसे इन खेल संघों के सर्टिफिकेट के बजाय केवल साइ के सचिव अथवा कार्यकारी निदेशक (टीम) की ओर से जारी कंसेशन सर्टिफिकेट पर रियायती रेलवे टिकट जारी किए जाएं। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यह फैसला पूरी तरह खेल मंत्रालय की सलाह पर लिया गया है।

दूसरी ओर तीरंदाजी संघ के कार्यवाहक अध्यक्ष तरलोचन सिंह ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे खिलाडि़यों की परेशानी बढ़ जाएगी। जिन्हें सर्टिफिकेट के लिए साइ के चक्कर लगाने पड़ेंगे। गुटबाजी के सवाल पर उनका कहना था कि किस चुनी हुई संस्था में यह नहीं होता। संसद भी इससे अछूती नहीं।

खिलाडि़यों को रेलवे की ओर से किराये में अच्छी खासी रियायत दी जाती है। राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए यह छूट 50 प्रतिशत, जबकि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए 75 प्रतिशत है।


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