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अब योग की शरण लेंगे भारतीय तीरंदाज

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी प्रतिस्पर्धा का बेहतर ढंग से सामना करने के लिए अब भारतीय तीरंदाज योग की शरण में जाएंगे। भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआइ) ने तीरंदाजों के योग प्रशिक्षण केलिए भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के विशेषज्ञ योग प्रशिक्षकों की मदद लेने का फैसला किया है।

By sanjay savernEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2015 08:00 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2015 08:03 PM (IST)
अब योग की शरण लेंगे भारतीय तीरंदाज

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी प्रतिस्पर्धा का बेहतर ढंग से सामना करने के लिए अब भारतीय तीरंदाज योग की शरण में जाएंगे। भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआइ) ने तीरंदाजों के योग प्रशिक्षण केलिए भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के विशेषज्ञ योग प्रशिक्षकों की मदद लेने का फैसला किया है।

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एएआइ के अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने मंगलवार को कहा कि हमारे तीरंदाज कौशल में विश्व स्तरीय हैं, लेकिन कहीं न कहीं वे मानसिक दृढ़ता के मामले में विदेशी तीरंदाजों से पिछड़ जाते हैं। इसी कारण हमने इन्हें योग का प्रशिक्षण दिलाने का फैसला किया है। मल्होत्रा ने कहा कि उन्होंने इसके लिए साइ से बात की है और साइ अपने योग विशेषज्ञों को तीरंदाजों के प्रशिक्षण देने के लिए भेजने को तैयार है।

मल्होत्रा ने अपने सरकारी निवास पर कोपनहेगेन में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में दो रजत पदक जीतने वाले भारतीय खिलाडिय़ों और टीम अधिकारियों को सम्मानित किया। मल्होत्रा ने रजत जीतने वाली महिला रिकर्व टीम की सदस्यों दीपिका कुमारी, रिमिल बुरुली और लक्ष्मीरानी माझी तथा पुरुष सिंगल्स कंपाउंड स्पर्धा में रजत जीतने वाले रजत चौहान को सम्मानित किया। मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय तीरंदाजों ने देश का नाम रोशन किया है, क्योंकि इससे पहले कभी भी विश्व चैंपियनशिप के एक संस्करण में भारत ने दो पदक नहीं जीते थे।

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