डोपिंग में भारत तीसरे नंबर पर : वाडा
विश्व डोपिंगरोधी एजेंसी (वाडा) ने वर्ष 2014 में डोपिंग के नियमों को तोड़ने वाले एथलीटों की सूची जारी की है। रियो ओलंपिक से करीब 100 दिन पहले वाडा की इस सूची का आना भारतीय एथलीटों और खेल से जुड़े अधिकारियों के लिए अच्छी खबर नहीं है। इस सूची में रूस
नई दिल्ली( प्रेट्र)। विश्व डोपिंगरोधी एजेंसी (वाडा) ने वर्ष 2014 में डोपिंग के नियमों को तोड़ने वाले एथलीटों की सूची जारी की है। रियो ओलंपिक से करीब 100 दिन पहले वाडा की इस सूची का आना भारतीय एथलीटों और खेल से जुड़े अधिकारियों के लिए अच्छी खबर नहीं है। इस सूची में रूस पहले नंबर पर, इटली दूसरे और भारत तीसरे नंबर पर है। विश्व डोपिंग रोधी सूची (एडीआरवी) में 2014 में डोपिंग के दोषी पाए गए भारतीय एथलीटों की संख्या 96 बताई गई है। वह रूस (148) और इटली (123)]से पीछे है। शीर्ष दस में बेल्जियम (91), फ्रांस (91), तुकी (73), ऑस्ट्रेलिया (49), चीन (49), ब्राजील (46) और दक्षिण कोरिया (43) शामिल हैं।
एडीआरवी में ऐसे डोपिंग मामले हैं जिसमें पूर्ण अनुशासनात्मक प्रक्रिया के बाद एथलीट खिलाफ फैसला दिया जाता है। इसमें दी गई सजा या तो फटकार रही या कुछ समय के लिए एथलीट को खेल से बाहर कर दिया गया होता है। हैरानी की बात है कि भारत इस सूची में वर्ष 2013 में भी तीसरे नंबर पर था। 2013 में डोपिंग के दोषी भारतीय एथलीटों की संख्या 91 थी, जिसमें 20 महिला एथलीट भी शामिल थीं। भारतीय खेल अधिकारियों की तमाम कोशिशों के बावजूद डोपिंग में लिप्त एथलीटों की संख्या कम नहीं हुई बल्कि और बढ़ ही गई है। वर्ष 2014 में भारत द्वारा 96 एडीआरवी मामले दर्ज किए गए। इसमें चार मामले गैर विश्लेषषणात्मक हैं (एथलेटिक्स और कुश्ती के दो-दो) जो जांच के लिए पेश नहीं हो सके। इन 96 उल्लंघन में 79 (56 पुरुष और 23 महिला) टूर्नामेंट के बाहर कराई गई जांच में असफल रहे। भारत ने 1920 से अब तक ओलंपिक में सिर्फ 24 पदक जीते हैं।
एथलीट और बॉडी बिल्डर डोपिंग में है आगे :
वाडा की रिपोर्ट के मुताबिक एथलेटिक्स और बॉडी बिल्डिंग से जुड़े खिलाड़ी सबसे ज्यादा डोपिंग करते हुए पकड़े जा रहे हैं। इसके अलावा साइकलिंग, भारोत्तोलन, पावर लिफ्टिंग, फुटबॉल, कुश्ती, मुक्केबाजी, रग्बी और तैराकी से जुड़े कई खिलाड़ी डोपिंग में लिप्त होते नजर आ रहे हैं। भारतीय खेल अधिकारियों के लिए इस रिपोर्ट को खतरे की घंटी समझना चाहिए। सूची में शीर्ष पर रहने वाली रूस की एथलेटिक्स टीम पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है। रूस के अधिकारी एथलीटों के रियो में हिस्सा दिलवाने के लिए भरपूर कोशिश कर रहे हैं। भारतीय खिलाड़ी और अधिकारी इसे अपने लिए भी संकेत मानेंं तो बेहतर है वरना बदनामी का दाग लगते देर नहीं लगेगी।