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खिलाड़ियों को रास नहीं आ रहा विजेंद्र का यह रवैया

हेरोइन ड्रग्स तस्करी में फंसे बॉक्सर विजेंद्र सिंह का रवैया अन्य खिलाड़ियों को अखरने लगा है। खासकर कानून से उनका भागना कई सवाल खड़ा कर रहा है। कॉमनवेल्थ खेलों में विजेता और भीम अवार्डी पहलवान राजेंद्र उमरी का कहना है कि विजेंद्र यदि सच्चे हैं तो उन्हें किसी भी जांच प्रक्रिया से नहीं घबराना चाहिए।

By Edited By: Published: Tue, 02 Apr 2013 10:32 AM (IST)Updated: Tue, 02 Apr 2013 11:18 AM (IST)

पानीपत। हेरोइन ड्रग्स तस्करी में फंसे बॉक्सर विजेंद्र सिंह का रवैया अन्य खिलाड़ियों को अखरने लगा है। खासकर कानून से उनका भागना कई सवाल खड़ा कर रहा है। कॉमनवेल्थ खेलों में विजेता और भीम अवार्डी पहलवान राजेंद्र उमरी का कहना है कि विजेंद्र यदि सच्चे हैं तो उन्हें किसी भी जांच प्रक्रिया से नहीं घबराना चाहिए। उन्होंने पूरी दुनिया में हरियाणा का नाम रोशन किया है। खिलाड़ी उन्हें अपना आदर्श मानते हैं। ऐसे में जांच से भागना संदेह पैदा करता है।

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रोहतक क्षेत्र के खेल उपनिदेशक शिव कुमार ने कहा कि जब तक मामले की पूरी रिपोर्ट सामने नहीं आ जाती, कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। इतना जरूर कहा जा सकता है कि खिलाड़ियों को किसी भी सूरत में नशा का सहारा नहीं लेना चाहिए। सफलता के लिए नशा का सहारा लेना या सफलता के बाद नशा के गिरफ्त में आ जाना, दोनों ही स्थिति निंदनीय है।

दूसरी तरफ, महिला पहलवान और हरियाणा पुलिस में डीएसपी गीतिका जाखड़ कहती हैं कि खेल मंत्रालय का डोप टेस्ट का निर्देश उचित ही है। अगर विजेंद्र का डोप टेस्ट होता है तो सच सामने आ जाएगा। हिसार की रहने वाली महिला मुक्केबाज प्रीति बैनीवाल भी डोप टेस्ट को अच्छा कदम मानती हैं। उन्होंने कहा कि इससे तमाम कयासों को विराम लगेगा और सच सामने आ जाएगा।

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