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पुरस्कार चयन नीति निष्पक्ष और पारदर्शी : सोनोवाल

खेलमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की चयन नीति की समीक्षा की कोई जरूरत नहीं है। पिछले कुछ वषरें की तरह इस साल भी पुरस्कार गलत कारणों से सुर्खियां बने। पैरालंपियन एचएन गिरिशा राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार सानिया मिर्जा को दिए जाने के खिलाफ

By Murari sharanEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2015 08:45 PM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2015 09:41 PM (IST)
पुरस्कार चयन नीति निष्पक्ष और पारदर्शी : सोनोवाल

नई दिल्ली। खेलमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की चयन नीति की समीक्षा की कोई जरूरत नहीं है। पिछले कुछ वषरें की तरह इस साल भी पुरस्कार गलत कारणों से सुर्खियां बने। पैरालंपियन एचएन गिरिशा राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार सानिया मिर्जा को दिए जाने के खिलाफ बेंगलुरु की अदालत की शरण में चले गए। विवादों के बारे में पूछने पर सोनोवाल ने चयन पैनल के सभी फैसलों का बचाव किया।

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सोनोवाल ने कहा, 'मुझे लगता है कि इस देश में प्रत्येक व्यक्ति को लोकतांत्रिक अधिकार है कि पूछे आखिर क्यों (मुझे पुरस्कार नहीं मिला)। लेकिन हमारे चयन पैनल ने काफी निष्पक्ष और पारदर्शी काम किया है और मुझे चयन प्रक्रिया की समीक्षा करने का कोई कारण नजर नहीं आता।'

उन्होंने भरोसा जताया कि भारत की ओलंपिक तैयारी सही दिशा में जा रही है और देश लंदन खेलों के छह पदक के अपने प्रदर्शन में सुधार कर पाएगा। खेल मंत्री ने कहा कि सभी को पता है कि हमने टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना) बनाई है।

हमने संभावित पदक विजेताओं की पहचान की और हमें उम्मीद है कि वे प्रदर्शन करेंगे। सोनोवाल ने 36 साल बाद ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने पर भारतीय महिला हॉकी टीम को भी बधाई दी।


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