कामयाब रही ईरान को घेरने की रणनीति: अनूप
भारत ने 2014 इंचियोन एशियन गेम्स में ईरान को फाइनल मुकाबले में दो अंक के अंतर से हराया था।
अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम। भारत ने 2014 इंचियोन एशियन गेम्स में ईरान को फाइनल मुकाबले में दो अंक के अंतर से हराया था। भारतीय टीम ने शनिवार को कबड्डी विश्व कप के फाइनल में ईरान को नौ अंकों से हराकर एक बार फिर अपना दबदबा कायम किया। जबकि पहले माना जा रहा था कि ईरान भारत से उसी के घर में खिताब छीन सकता है। स्टार रेडर और भारतीय टीम के कप्तान अनूप कुमार से विश्व कप जीतने के बाद खास बातचीत के अंश
क्या ईरान को इतने बड़े अंतर से हराने की उम्मीद थी?
सही कहा आपने। आज विश्व में दो ही टीम हैं जो हमें कड़ी टक्कर दे रही हैं, कोरिया और ईरान। हमने एशियन गेम्स में ईरान को दो अंक से हराकर पदक जीता था। इसीलिए वह बड़ी बाधा मानी जा रही थी। लेकिन, हमने इस बार ईरान की टीम के लिए रणनीति बनायी थी।
ईरान के किन खिलाडि़यों से खतरा था?
ईरानी टीम में फजल अली (कैचर) और कप्तान मिराज शेख (ऑलराउंडर) के साथ मकसूद (दुनिया का बेहतर रेडर) थे। हमने तीनों के लिए रणनीति बनाई जो कामयाब रही। एशियन गेम्स में भारतीय टीम अच्छी थी, लेकिन विश्व कप में उससे भी अच्छी टीम खेल रही थीं। यही कारण था कि जीत का अंतर ज्यादा रहा। इसके अलावा देश में खेली जा रही लीग से श्रेष्ठ खिलाड़ी निकल रहे हैं। इससे राष्ट्रीय टीम काफी मजबूत हुई है।
भारतीय टीम के किन खिलाडि़यों ने बेहतर प्रदर्शन किया?
(हंसते हुए) बहुत मुश्किल सवाल पूछा आपने। फिर भी अजय ठाकुर टीम के ऐसे सदस्य रहे, जिनका प्रदर्शन उन्हें टीम में आगे खड़ा करता है। वह टीम के बेहतर रेडर साबित हुए।
कोरिया से हारने के बाद प्रशंसकों को बड़ा झटका लगा था?
देखिए, विश्व कप शुरू होने से पहले मैंने कहा था कि कोरिया और ईरान हमारे लिए बड़ी बाधा हैं। वैसे वो हार करीबी थी और हमारे लिए भी निराशा भरी थी। कोरिया से हार टीम के लिए बड़ा झटका थी, लेकिन इसके बाद सभी खिलाडि़यों ने फाइनल में जगह बनाना अपना मकसद बना लिया था।
कोई और तमन्ना?
मेरा सपना है कि ओलंपिक में कबड्डी शामिल हो और हम देश के लिए स्वर्ण पदक जीतें।