बाल कांवड़िए को कुचलने पर बवाल, समुदाय विशेष ने की कांवड़ खंडित, ढहाए सितम
उत्तर प्रदेश के कुंवरगांव थाना क्षेत्र में कछला से आंवला को जल लेकर जा रहे बाल कांवड़िए को यूटीलिटी वाहन ने कुचल दिया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इससे गुस्साए कांवड़ियों ने रोड जाम की तो दूसरे समुदाय के लोगों ने कांवड़ियों को जमकर पीटा। कांवड़ तोड़ कर फेंक दी गई। बृहस्पतिव
बदायूं, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश के कुंवरगांव थाना क्षेत्र में कछला से आंवला को जल लेकर जा रहे बाल कांवड़िए को यूटीलिटी वाहन ने कुचल दिया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इससे गुस्साए कांवड़ियों ने रोड जाम की तो दूसरे समुदाय के लोगों ने कांवड़ियों को जमकर पीटा। कांवड़ तोड़ कर फेंक दी गई।
बृहस्पतिवार को आंवला कोतवाली क्षेत्र के गांव पथरा के ग्रामीण कछला घाट से जल लेकर ट्रैक्टर-ट्रॉली से जा रहे थे। कुछ लोग ट्रॉली में बैठे थे, बाकी पैदल थे। इसी दौरान कुंवरगांव थाना क्षेत्र के गांव हुसैनपुर के पास पीछे की ओर से आ रही यूटीलिटी चालक ने कांवड़ लेकर जा रहे रामऔतार शर्मा के आठ वर्षीय पुत्र अमन को कुचल दिया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यूटीलिटी चालक ने भागने की कोशिश की तो गाड़ी पेड़ से जा टकराई। कांवड़ियों ने चालक समेत दो लोगों को पकड़ लिया। सड़क पर शव रख कर जाम लगा दिया। इस पर हुसैनपुर गांव से दूसरे समुदाय के काफी लोग आ गए और कांवड़ियों को लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया। कांवड़िये जान बचाते हुए मोंगर और पड़ौलिया गांव की ओर भाग निकले। कांवड़िया देवसिंह और महेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दौरान ट्रॉली में रखी कांवड़ को तोड़फोड़ कर फेंक दिया गया। घटना से आसपास के गांवों में तनाव पैदा हो गया। सूचना पर कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और लाठियां फटकार शव को उठवा कर पोस्टमार्टम को भेज दिया। इसके बाद पुलिस ने दो कांवड़ियों को पकड़ लिया। पुलिस की एकतरफा कार्रवाई से तनाव बना हुआ है।
सिपाही की दबंगई से बिगड़े हालात
सिलहरी। हालत इतने विषम नहीं होते यदि विशेष समुदाय का एक सिपाही कांवड़ियों को धमकी न देता और कांवड़ खंडित न करता। इसके बाद हालत बेकाबू हो गए।
कांवड़ियों द्वारा जाम लगाने की सूचना के बाद एसओ कुंवरगांव फोर्स के साथ मौके तुरंत वहां पहुंच गए। इस बीच अन्य थानों की फोर्स भी वहां पर पहुंच गई। एसओ भाटी स्थिति को काबू में करने के लिए कांवड़ियों को समझाने के साथ-साथ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दे रहे थे। इसी दौरान कुंवरगांव थाने में तैनात सिपाही मोहम्मद दानिश को लोगों ने उकसा दिया। जिसके बाद दानिश ने ट्राली और सड़क किनारे रखी कांवड़ को उठाकर फेंकना शुरू कर दिया। कांवड़ियों ने इसका विरोध किया तो उसने उनपर भी बेंत भांजने शुरू कर दिए। एसओ लगातार दानिश को डांटते रहे, लेकिन वह नहीं माना। सिपाही की इस दबंगई से कांवड़िये बिगड़ गए, वह सिपाही को खींचकर खेत में ले गए, जहां उसकी पिटाई की। सिपाही को पिटता देखकर गांव के लोगों का कहर कांवड़ियों पर टूट पड़ा। इसके बाद उन्होंने कांवड़ियों को पीटना शुरू कर दिया। दूसरे समुदाय के हमले से कांवड़िये अपनी जान बचाने के लिए मोंगर, गौटिया, हरी नगला, कासिमपुर, लाही फरीदपुर आदि गांवों में जा दुबके। जो मौके पर रह गया, उसे बेरहमी से पीटा गया। बाद में भारी फोर्स पहुंचने पर मामला शांत हो सका।
पिछले साल भी इसी स्थान पर वाहन ने कुचला था कांवड़िया
कुंवरगांव थाना क्षेत्र के गांव हुसैनपुर के पास जो यह हादसा हुआ है। ऐसी ही घटना पिछले साल भी हुई थी। उस वक्त भी आंवला के रहने वाले कांवड़िये की मौत हुई थी। हुसैनपुर के लोगों ने इसलिए पिछले साल भी कांवड़ियों को पीटा था। इस मामले में पुलिस हमलावरों को चिह्नित कर उनपर कार्रवाई करना चाहती थी, लेकिन एक सफेदपोश के इशारे पर पुलिस ने हमलावरों को हाथ तक नहीं लगाया।
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घटना इत्तफाकिया है। पुलिस ने गाड़ी और चालक को पकड़ लिया है। पुलिस कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम खुलवाना चाहती थी, लेकिन कांवड़िये किसी भी बात पर तैयार नहीं थे। कांवड़ियों ने सिपाही को पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। सिपाही को बचाने के लिए दूसरे गांव के लोग मौके पर आए थे, उन्होंने कांवड़ियों से सिपाही को बचाया था। घटना को कुछ लोग सांप्रदायिक तनाव से जोड़ना चाहते हैं, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। पुलिस को कांवड़ियों की सुरक्षा के निर्देश दिए गए हैं। -एलआर कुमार, एसएसपी
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