Move to Jagran APP

ये है दुनिया के अजीबोगरीब फेस्टीवल

भारत में ही नही विदेशों में भी कुछ अनोखी परंपराये हैं जिनका अनुसरण आज भी वहां के लोग करते हैं और बढ़ चढ़कर इनमें हिस्सा लेते हैं।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2016 03:03 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2016 03:31 PM (IST)
ये है दुनिया के अजीबोगरीब फेस्टीवल

विदेशों में मनाये जाने वाले अनोखे और अजीबोगरीब फेस्टीवल के बारे में तो आप जानते ही होंगे। कुछ फेस्टीवल तो आम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं लेकिन कुछ ऐसे फेस्टिवल भी हैं जिनके बारे में शायद आप नही जानते होंगे, वाकई हैरान कर देने वाले हैं ये फेस्टिवल....

loksabha election banner

एल्स एनफेरिनेट्स फेस्टिवल

स्पेन के इबी में आयोजित होने वाले इस फेस्टिवल में भाग लेने वाले लोग एक-दूसरे के ऊपर आटा और अंडे फेंकते हैं। 200 साल पुराने इस फेस्टीवल में शादीशुदा और कुंवारे लोगों के दो ग्रुप होते हैं। शादीशुदा लोगों के ग्रुप को एल्स एनफेरिनेट्स और कुंवारे के ग्रुप को ला ओपोसिकियो कहा जाता है। एनफरिनेट्स के सदस्य शहर के नियमों का उल्लंघन करने वालों को फाइन करते हैं। इसी लड़ाई में दोनों एक-दूसरे पर आटा और अंडे फेंकते हैं। इस दौरान ये लोग मिलिट्री ड्रेस पहनते हैं।

लॉबस्टर फेस्टिवल

रॉकलैंड के हार्बर पार्क में अगस्त महीने के पहले वीकेंड में लॉबस्टर फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। पांच दिनों तक चलने वाले इस फेस्टिवल का लुत्फ उठाने एशिया और यूरोप के अलग-अलग स्थान से लोग आते हैं। 2 अगस्त 2015 में यहां 68वां लॉबस्टर फेस्टिवल का आयोजन किया गया था जिसमें लगभग 80,000 लोगों ने हिस्सा लिया और जिन्हें करीब 20,000 पाउंड लॉबस्टर सर्व किया गया।

स्पेन का टॉमेटिना फेस्टिवल

स्पेन में मनाया जाने वाला टॉमेटिना फेस्टिवल विश्वभर में लोकप्रिय है इस फेस्टिवल में भाग लेने के लिये दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं। इसमें लगभग 250,000 पाउंड टमाटर का इस्तेमाल किया जाता है। लाखों कि संख्या में यहां आने वाले लोग एक-दूसरे पर टमाटर फेंककर मौज-मस्ती करते हैं।

मेलन फेस्टिवल

ऑस्ट्रेलिया के चिनचिला में फरवरी के महीने में हर दो साल में चार दिनों तक मेलन फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। यहां तरबूज की खेती काफी ज्यादा होती है इसलिये इसे मेलन कैपिटल ऑफ ऑस्ट्रेलिया के नाम से जाना जाता है। इस फेस्टिवल में भाग लेने वाले लोग तरबूजों से ही बहुत से खेल खेलते हैं जैसे स्कीइंग, मेलन टॉसिंग, मेलन बंजी, स्पिटिंग, बुल्स आई आदि। इसके अलावा स्ट्रीट परेड, फ्री कॉन्सर्ट, आर्ट एंड क्राफ्ट और लेजर शो भी इस फेस्टिवल के खास आकर्षण होते हैं।

चीज कर्ड कैपिटल फेस्टिवल

डेयरी फूड को प्रमोट करने के लिए 'चीज कर्ड कैपिटल फेस्टिवल' का आयोजन किया जाता है। इसमें विभिन्न प्रकार की चीज परोसी जाती है। जून के आखिरी हफ्ते में आयोजित होने वाले इस फेस्टिवल में काफी बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं। इस फेस्टिवल का उद्देश्य लोगों को डेयरी प्रोडक्ट से होने वाले फायदों के बारे में बताना है।

ऑक्टोबियर फेस्ट

जर्मनी के म्यूनिख सिटी में मनाया जाने वाला यह त्योहार अब भारत के भी कई शहरों में मनाया जाने लगा है। जर्मनी में पिछले लगभग 203 सालों से सितम्बर-अक्टूबर महीने में यह फेस्टिवल मनाया जाता है। इसमें भाग लेने वाले लोग बीयर पीते हैं, ये दुनिया का सबसे बड़ा बियर फेस्टिवल है। इस फेस्टिवल में लगभग 70 से 80 लाख लीटर बीयर सर्व की जाती है। इसमें बीयर गेम्स, फन राइड्स और म्यूजिक कॉन्सर्ट का भी कराया जाता है।

सन् 1812 में प्रिन्स लुडविग और राजकुमारे थेरेसे की शादी के लिए इस फेस्ट का आयोजन किया गया था। तब से अब तक लगातार इस फेस्ट को मनाया जाता है।

कूपर्स हिल चीज-रोलिंग एंड वेक फेस्टिवल

ये फेस्टिवल हर वर्ष इंग्लैंड के कूपर्स हिल में मनाया जाता है। इस खेल में ऊंची पहाड़ी से एक रोलर गिराया जाता है इसके बाद खेल में भाग लेने वाले प्रतियोगी रोलर का पीछा करते हुए नीचे की ओर आते हैं। जो पहले फिनिशिंग लाइन तक पहुंचता है उसे विनर माना जाता है। ये ब्राकवर्थ गांव के लोगों का परंपरागत त्योहार है।

रोड किल कुक ऑफ वेस्ट वर्जीनिया फेस्टिवल

वेस्ट वर्जीनिया के मार्लिटॉन में सितंबर माह में मनाया जाने वाला यह त्योहार वाकई बहुत अजीब है। इस फेस्टिवल में सड़क दुर्घटना में मारे गये जानवरों से अलग-अलग तरह के व्यंजन तैयार किए जाते हैं। इन व्यंजनों का स्वाद लेने अलग-अलग देशों के लोग यहां आते हैं।

मंकी फेस्टिवल

थाईलैंड के लोपबरी में प्रतिवर्ष नवंबर माह के आखिरी संडे को बड़ी धूम-धाम से 'मंकी फेस्टिवल' का आयोजन किया जाता है। इस फेस्टीवल में लोग मंकी थीम ड्रेस पहनकर डांस करते हैं। वैसे तो थाईलैंड में रोज ही बंदरों को खाना दिया जाता है। लेकिन इस दिन बंदरों को अपनी पसंद का खाना खाने की आजादी होती है। यहां बहुत से फलों और खाने की सामग्री का ढेर लगाया जाता है और बंदर अपनी पसंद का खाना खुद लेकर खाते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.