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इस मंदिर में जाने से डरते हैं लोग, बाहर से ही कर लेते हैं प्रणाम

आज हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वह संसार का ऐसा इकलौता मंदिर है जो धर्मराज यानी यमराज को समर्पित है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 03 Dec 2016 10:32 AM (IST)Updated: Mon, 05 Dec 2016 09:51 AM (IST)
इस मंदिर में जाने से डरते हैं लोग, बाहर से ही कर लेते हैं प्रणाम

चम्बा। वैसे तो आपने बहुत से मंदिरों के बारे में सुना होगा। हर किसी मंदिर की कोई न कोई विशेषता तो होती ही है। लेकिन क्या कभी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है जहां जाने से लोग डरते हैं।

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जी हां, आज हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वह संसार का ऐसा इकलौता मंदिर है जो धर्मराज यानी यमराज को समर्पित है। खास खबर.कॉम के अनुसार यह मंदिर राजधानी दिल्ली से करीब 500 किलोमीटर की दूरी पर हिमाचल के चम्बा जिले में भरमौर नामक स्थान में स्थित है। इस मंदिर में एक खाली कमरा है जिसे चित्रगुप्त का कमरा माना जाता है। चित्रगुप्त यमराज के सचिव हैं जो जीवात्मा के कर्मो का लेखा-जोखा रखते हैं।

मान्यता है कि जब किसी प्राणी की मृत्यु होती है तब यमराज के दूत उस व्यक्ति की आत्मा को पकड़कर सबसे पहले इस मंदिर में चित्रगुप्त के सामने प्रस्तुत करते हैं। चित्रगुप्त जीवात्मा को उनके कर्मो का पूरा ब्योरा देते हैं इसके बाद चित्रगुप्त के सामने के कक्ष में आत्मा को ले जाया जाता है। इस कमरे को यमराज की कचहरी कहा जाता है। कहा जाता है कि यहां पर यमराज कर्मों के अनुसार आत्मा को अपना फैसला सुनाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर के चार अदृश्य द्वार भी हैं जो स्वर्ण, रजत, तांबा और लोहे के बने हैं। यमराज का फैसला आने के बाद यमदूत आत्मा को कर्मों के अनुसार इन्हीं द्वारों से स्वर्ग या नर्क में ले जाते हैं। गरूड़ पुराण में भी यमराज के दरबार के इन चार द्वारों का उल्लेख किया गया है।

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