कबाड़ से जुगाड़ कर सजाया गया है ये पॉवर कैफे
जी हां, पटना में रंग-बिरंगी सी एक छोटी बिल्डिंग दिखाई देती है, जो सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। यह छोटी सी बिल्डिंग कुछ ओर नहीं बल्कि पॉवर कैफे है।
कबाड़ से जुगाड़ कर उपयोग की वस्तुएं बनाना वाकई काफी मुश्किल होता है। लेकिन अगर इंडिया के जुगाड़् लोग मिल जाएं तो अपनी क्रिएटीविटी से असंभव को भी संभव कर सकते हैं। आज हम पटना की बात कर रहे है, जी हां, पटना में रंग-बिरंगी सी एक छोटी बिल्डिंग दिखाई देती है, जो सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। यह छोटी सी बिल्डिंग कुछ ओर नहीं बल्कि पॉवर कैफे है।
इस बिल्डिंग में रखा सारा सामान और फर्नीचर बिजली विभाग के खराब हो चुके सामान से बना है। यह सभी लोगों को चीजों की रीसाइक्लिंग करने का सन्देश देती है। बिहार के चीफ इंजीनियर सरोज कुमार सिन्हा का कहना है कि इस बिल्डिंग को बनाने में मंजीत और नेहा सिंह का बहुत बड़ा योगदान है। कैफे में मौजूद हर वस्तु को काफी अच्छे से ढंग से तैयार किया गया है। इतनी ही नहीं, इसको बनाने के लिए पुरानी साइकिल के आधे हिस्से का प्रयोग किया गया है।
इस कैफे में बैठने के लिए कुर्सी और टेबल पुराने बेकार पड़े ड्रमों से बनाए गए है। साथ ही बेकार पड़े इलैक्ट्रिक पैनल्स से बेंच बनाए हुए है।
अगर डस्टबीन की बात करें तो उसको मॉडर्न लुक देने के बिजली की पुरानी तारों का प्रयोग किया गया है। आपने दुनिया में रीसाइक्लिंग के कई किस्से सुने होंगे लेकिन इस बेजोड़ आइडियाज के बारे में शायद ही कभी सुना हो।
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