एक समय था जब भारत अंटार्कटिका का हिस्सा हुआ करता था, हम नहीं वैज्ञानिक बता रहे हैं
सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा और मन में सवाल भी आ रहा होगा कि ये कैसे हो सकता है लेकिन वैज्ञानिकों के दावे को झुठला भी तो नहीं सकते हैं। तो यही बात है।
भूवैज्ञानिकों को ऐसे सुबूत मिले हैं, जो इस परिकल्पना का समर्थन करते हैं कि अरबों साल पहले भारतीय उपमहाद्वीप अंटार्कटिका का हिस्सा हुआ करता था। हालांकि मानव जाति के विकास से पहले विवर्तनिक प्लेटों के स्थान में परिवर्तन के कारण यह कई बार अलग हुआ और फिर एकसाथ आया।
पृथ्वी के बाह्य पटल के विकास का अनुसंधान करने वाले भारत और स्विट्जरलैंड के भूवैज्ञानिकों के एक समूह ने पूर्वी घाट क्षेत्र में महाद्वीपीय परत के प्राचीन चट्टानों का अध्ययन किया। इस दौरान उन्हें महाद्वीपों के गठन के संबंध में महत्वपूर्ण सुबूत मिले।
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अनुसंधान की अगुवाई करने वाले आईआईटी खड़गपुर के भूवैज्ञानिक देवाशीष उपाध्याय ने कहा, 'पहली बार हम इस परिकल्पना को साबित करने में सफल रहे हैं कि अंटार्कटिक महाद्वीप और भारतीय उपमहाद्वीप एक समय में एक बड़े महाद्वीप के रूप में थे और करीब डेढ़ अरब साल पहले ये एक-दूसरे से अलग हो गए थे।'
भारत और अंटार्कटिक को एक सागर ने अलग किया. उनके अनुसंधान को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय जर्नल 'एल्सवियर' ने प्रकाशित किया था, जिसके अनुसार दोनों महाद्वीप एक बार और अलग हुए थे और पुराने सागर का स्थान एक नए सागर ने ले लिया।
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