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यह है बूढ़ी हड्डियों का दम

दादी मां की बातें और दादी मां की कहानियां सबको अच्छी लगती हैं। फिर भी बूढ़ी दादी मां से आप डाकुओं से लड़ने की उम्मीद नहीं कर सकते। पर जनाब कहते हैं बूढ़ा तो सिर्फ शरीर होता है, दिल हमेशा जवान होता है। मुश्किल में हिम्मत और हौसला दिखाने के मामले में यही फॉर्मूला लागू होता है।

By Edited By: Published: Sat, 20 Jul 2013 11:41 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2013 11:41 AM (IST)

दादी मां की बातें और दादी मां की कहानियां सबको अच्छी लगती हैं। फिर भी बूढ़ी दादी मां से आप डाकुओं से लड़ने की उम्मीद नहीं कर सकते। पर जनाब कहते हैं बूढ़ा तो सिर्फ शरीर होता है, दिल हमेशा जवान होता है। मुश्किल में हिम्मत और हौसला दिखाने के मामले में यही फॉर्मूला लागू होता है। जैसे बच्चे को लोग अकेले देखकर सोचते हैं कि उसे डराना आसान है, वैसे ही बूढ़ों के बारे में भी सोचते हैं। पर हमेशा यह सच ही हो, जरूरी नहीं। इन दादी मां का डाकुओं से मुकाबला करने का हिम्मती कारनामा जानकर आप सोचेंगे.वाह! दादी मां हमेशा दादी मां ही होती हैं, बेस्ट!

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मार्शफील्ड में किराने की दुकान चलाने वाली 96 साल की मार्ग वुल्फ के साथ ही उनसे टक्कर लेने वाले डाकुओं का भी 16 जुलाई का दिन मजेदार रहा होगा। मार्ग वुल्फ की किराने की दुकान 54 साल पुरानी है। डाकुओं ने शायद सोचा होगा कि दुकान की इस बूढ़ी मालकिन को लूटना कोई मुश्किल का काम नहीं होगा। शायद यही सोचकर उन्होंने मंगलवार को मार्ग वुल्फ की दुकान को लूटने का मन बनाया होगा। पर जब वे वारदात अंजाम देने आए तो नजारा उल्टा ही हो गया। 96 साल की मार्ग वुल्फ को डराकर उनका दुकान लूट सकने की बजाय वे डाकू ही बेचारे बने नजर आए। हुआ यह कि जब डाकू मार्ग वुल्फ की दुकान पर आए, उन्होंने चेहरे पर मास्क पहना हुआ था। उनका हुलिया देखकर वैसे भी कोई उन्हें आतंकी समझकर डर जाता। पर जब उन्होंने डाकुओं वाली अकड़ के साथ चाकू दिखाकर मार्ग वुल्फ को कैश रजिस्टर निकालने को कहा तो मार्ग ने भी उसी अकड़ के साथ कैश रजिस्टर निकालने से मना कर दिया।

मार्क ने कहा कि तुम चाहो तो दुकान में रखे टूट्सी रॉल्स ले सकते हो पर कैश रजिस्टर वे नहीं खोंलेगी। डाकुओं को उनसे इस बेपरवाह जवाब की उम्मीद नहीं थी। इसके बाद उन्होंने मार्ग को दुकान के पीछे के हिस्से में खड़े होने का आदेश दिया तो मार्ग वुल्फ ने भी उसी अंदाज में उनसे कहा कि वे अपनी जगह से कहीं नहीं जाने वाली हैं। डाकुओं ने जब मार्ग को चाकू से डराने की कोशिश की तो बड़ी ही दृढ़ता से मार्ग ने डाकुओं को ही चेताया कि उनके एक बटन दबाने की देर है, वे किसी को सेकेंड रहते वहां बुला सकती हैं। मार्क वुल्फ इस वाकए को चुटकी लेकर सुनाते हुए कहती हैं कि डाकू उनके इस अक्खड़ भावों से परेशान से दिखने लगे। उन्होंने दुकान का मुआयना किया और जब उनकी नजर सुरक्षा कैमरे पर पड़ी तो अपना चाकू उठाकर भाग खड़े हुए। हालांकि वहां की पुलिस डाकुओं द्वारा मार्ग को नुकसान न पहुंचाने के लिए भगवान का शुक्त्रिया अदा करती है पर इसके बारे में जो कोई जानता है मार्ग की हिम्मत की प्रशंसा किए बिना नहीं रह पाता।

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