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भगवान के लिए गणित अंगुलियों का खेल

गणित-एक ऐसा विषय, जिससे बच्चों से लेकर अभिभावक तक हर कोई पीछा छुड़ाना चाहता है। गणित के सवाल पहाड़ लगते हैं पर महानगर के बिछिया कालोनी निवासी भगवान सिंह एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें गणित से खेलने में मजा आता है।

By Edited By: Published: Thu, 20 Feb 2014 10:53 AM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2014 10:53 AM (IST)
भगवान के लिए गणित अंगुलियों का खेल

आत्रेय शुक्ल, गोरखपुर। गणित-एक ऐसा विषय, जिससे बच्चों से लेकर अभिभावक तक हर कोई पीछा छुड़ाना चाहता है। गणित के सवाल पहाड़ लगते हैं पर महानगर के बिछिया कालोनी निवासी भगवान सिंह एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें गणित से खेलने में मजा आता है। गणित में नित नए प्रयोग करना उनका शगल है। भगवान सिंह कैलकुलेटर व कंप्यूटर से पहले ही लाखों का गुणा महज कुछ सेकेंड में अंगुली पर जोड़कर बता देते हैं। उल्टी गिनती, हजारों-लाखों का पहाड़ा उनकी जुबान पर है।

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बचपन में पिता स्व.रामबहाल सिंह से गणित का ककहरा सीखने वाले भगवान सिंह की मानें, तो तीन वर्ष की अवस्था में उन्हें 50 तक का पहाड़ा कंठस्थ हो गया था। 100 से 1 तक की उल्टी गिनती धड़ाधड़ सुनाते हैं। हजारों से लेकर लाखों तक पहाड़ा का योगफल कंप्यूटर से भी पहले बताने की क्षमता रखने वाले श्री सिंह ने 1990 में हाईस्कूल में गणित में 95 व 1992 में इंटरमीडिएट में 98 प्रतिशत अंक हासिल किया। आइइआरटी की परीक्षा में भी गणित में उनका शत-प्रतिशत अंक था।

दैनिक जागरण से बातचीत में श्री सिंह का कहना है संख्याओं से खेलना उन्हें सबसे मनोरंजक लगता है। वे समय मिलने पर टीवी, अखबार देखने की बजाय गणित की किताबों के प्रश्न हल करने में रुचि रखते हैं। इसके साथ ही वह गणित के जरिए ही भगवान सिंह यह भी बता देते हैं कि किसी परिवार में कितने सदस्य हैं। वे यहां तक बता देंगे कि माता-पिता के अलावा घर में कितने भाई-बहन हैं। इस अद्वितीय प्रतिभा को मानते हुए गणित से जुड़े लोग उन्हें गणित का भगवान कहते हैं। यहीं नहीं भगवान सिंह को यदि 50 वर्ष पुरानी व अग्रिम तिथि बता दी जाए तो वे अंगुली पर गिन कर बता देते हैं कि अमुक वर्ष के अमुक माह की तारीख को यह दिन पड़ा था या पड़ेगा। कैलेंडर से देखने पर उनका उत्तर पूर्णत: सही साबित होता है।

इन दिनों कर रहे नई खोज

भगवान सिंह 2014 में जोड़ व गुणा के योगफल की जांच करने की नई खोज कर रहे हैं। योगफल को एकल अंक में परिवर्तित कर नई खोज करने में उन्हें कुछ समय लग रहा है, लेकिन अपनी मेहनत के बल पर कहते हैं कि मेरी यह नवीन खोज जल्द ही पूरी होगी।


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