डाक्टर भी थे हैरान कि जुड़वा बच्चों को जन्म देनी वाली महिला है या पुरूष?
प्रकृति ने बच्चे को जन्म देने का सुख सिर्फ औरत को दिया है। हर औरत मां बनती है और हर मां अपने गर्भ में बच्चे को पालती है, जो उसके लिए इस दुनिया का सबसे बड़ा सुख होता है।
प्रकृति ने बच्चे को जन्म देने का सुख सिर्फ औरत को दिया है। हर औरत मां बनती है और हर मां अपने गर्भ में बच्चे को पालती है, जो उसके लिए इस दुनिया का सबसे बड़ा सुख होता है। लेकिन आज आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि एक पुरुष ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है. यह कोई मेडिकल साइंस का चमत्कार नहीं, बल्कि यह सब संभव हुआ है टेस्ट ट्यूब बेबी की प्रगतिशील तकनीक की वजह से।
दरअसल, गुड़गांव निवासी एक महिला में XY गुणसूत्र पैटर्न है। देखा जाए तो वो एक महिला है, पर उसमें जो गुणसूत्र हैं वो एक पुरूष के हैं। वो पिछले कई सालों से मां नहीं बन पा रही थी। जब वो मेरठ के जिंदल टेस्ट ट्यूब सेंटर पहुंची तो वहां के डॉक्टरों ने अथक प्रयास कर सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी के जरिए उस महिला की मदद की. नतीजतन उस महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया।
डॉक्टरों का कहना है कि महिला में 46 XX गुणसूत्र, जबकि पुरुषों में 46 XY गुणसूत्र होते हैं। जब डाक्टर ने गुणसूत्र की जांच की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। उस महिला में वास्तव में पुरुष XY गुणसूत्र हैं और इस विकृति के कारण उनके शरीर में पुरुष लिंग तो विकसित नहीं हो पाया, लेकिन उन्होंने एक अविकसित गर्भाशय के साथ जन्म लिया था। यही नहीं, उस महिला में कोई अंडाशय व स्त्री हार्मोन भी नहीं थे।
डॉक्टर सुनील जिंदल ने बताया कि उस महिला के अविकसित गर्भाशय को विकसित करने के लिए उनका हॉर्मोन और एंडोक्रिनल इलाज किया गया। उनके गर्भाशय को हॉर्मोन द्वारा बच्चा पैदा करने लायक बनाया गया और पूरे 32 साल बाद उनको पहली बार माहवारी हुई। इसके बाद महिला के पति के शुक्राणु से ह्यूमन टिश्यू कल्चर से भ्रूण तैयार किया गया और पहले से ही तैयार किए गए गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया गया।
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान डॉक्टरों के सामने बहुत सी कठिनाइयां भी आईं, पर ममता को प्रसव पूर्व दर्द हुआ और उनका ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगा था। लेकिन इन सब समस्याओं का सामना करते हुए भी उस महिला ने जुड़वां बच्चों (लड़का-लड़की) को जन्म दिया। मां और बच्चे दोनों स्वस्थ हैं और अपने जुड़वां बच्चों को पाकर वो महिला बहुत खुश हैं।