Move to Jagran APP

यहां दीवारों पर लटके हैं शव , डर से गांव हुए खाली

इटली के कापूचिन कैटाकॉम्ब में करीब 8000 साल पुराने शव खुले में रखे हुए हैं। अंधेरी संकरी गलियों से होकर गुजरने वाली यह जगह अंदर से बहुत डरावनी है यहां दीवारों पर शव लटके हुए हैं।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2016 11:36 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2016 11:52 AM (IST)
यहां दीवारों पर लटके हैं शव , डर से गांव हुए खाली

इटली के कापूचिन कैटाकॉम्ब में करीब 8000 साल पुराने शव खुले में रखे हुए हैं। अंधेरी संकरी गलियों से होकर गुजरने वाली यह जगह अंदर से बहुत डरावनी है यहां दीवारों पर शव लटके हुए हैं।

loksabha election banner

यहां लंबे समय से यह भ्रम फैला हुआ है कि किसी दैवीय आपदा के चलते हजारों लोग एक साथ मारे गए, जिन्हें या तो दफनाया गया या वे स्वयं दफन हो गए। डर की वजह से इसके आस-पास के ज्यादातर गांव अब खाली पड़े हैं। मान्यता है कि इनमें से कुछ मुर्दे अब भी जिंदा होते हैं।

दरअसल यह एक कब्रिस्तान है। यहां शवों को रखने के लिए अलग-अलग जगह बनी हुई है, जैसे कि महिला, पुरुष, बच्चे, कुंवारी कन्याएं, संत, शिक्षक, डॉक्टर, सैनिक के लिए इत्यादि। 1880 में अधिकृत रूप से इस कब्रिस्तान को बंद कर दिया गया था। फिर भी कभी-कभार कुछ शव इसमें आ जाते थे। 1920 में इस कब्रिस्तान में अंतिम ममी बनाई गई, जो कि एक बच्ची की थी, जिसका नाम रोसलिया लबाडरे था। यह ममी इस कब्रिस्तान की सबसे खूबसूरत ममी है। जिसे देखकर ऐसा लगता है जैसे कोई प्यारी सी बच्ची सो रही है।

क्या कभी देखा है कब्रों का पहाड़

कापूचिन की स्थापना कैथोलिक संतों के शवों को संरक्षित करने के लिए की गई थी, लेकिन बाद में इस कब्रिस्तान में जगह पाना सामाजिक रुतबे कि बात मानी जाने लगी। यहां शवों को रखने के लिए नियमित रूप से फीस चुकानी पड़ती थी। यदि किसी ममी कि फीस आनी बंद हो जाती है तो उसे वहां से हटा दिया जाता है।

यहां कब्रों के बीच रहते हैं लोग

मृत पत्नी के साथ पांच वर्षो तक सोता रहा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.