उम्र एक साल, चस्का ऑनलाइन शॉपिग का
तकनीक हमेशा अच्छी ही मानी जाती है। हर नई तकनीक एक नई सुविधा के साथ आपके काम को और भी ज्यादा आसान बना देती है। अब मोबाइल फोन को ही लीजिए। बदलते रूप के साथ इसने कितना कुछ आसान कर दिया। आज आप इससे जरूरी-गैरजरूरी बातों के अलावे फेसबुक चैटिंग, ऑनलाइन गेम्स जैसी कई आधुनिक सुविधाओं का लाभ कहीं भी ले सकते हैं।
तकनीक हमेशा अच्छी ही मानी जाती है। हर नई तकनीक एक नई सुविधा के साथ आपके काम को और भी ज्यादा आसान बना देती है। अब मोबाइल फोन को ही लीजिए। बदलते रूप के साथ इसने कितना कुछ आसान कर दिया। आज आप इससे जरूरी-गैरजरूरी बातों के अलावे फेसबुक चैटिंग, ऑनलाइन गेम्स जैसी कई आधुनिक सुविधाओं का लाभ कहीं भी ले सकते हैं। और तो और अब मोबाइल बैंकिंग से फोन बिल, बिजली बिल तक आप अपने अत्याधुनिक मोबाइल फोन से भी भर सकते हैं। यहां तक कि अपने बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में आप पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं, पार्क में घूमते हुए, दोस्तों संग मस्ती करते हुए, ट्रेन में यात्रा करते हुए, आधी रात में अपने बिस्तर पर लेटे हुए अपने मोबाइल एप्स से खरीदारी कर सकते हैं। पर जनाब, आपका यह आराम का साथी आपको बुरी तरह चौंका सकता है। हम हैकिंग की बात नहीं कर रहे। शायद आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते कि कभी ऐसा भी हो सकता है।
क्या आप कभी सोच सकते हैं कि आपके मोबाइल फोन का उपयोग कर आपकी एक साल की बेटी या बेटा बिना आपकी जानकारी के कार खरीद लेगा। शायद नहीं। पर ऐसा हुआ है। आपने कार खरीदी, आपको पता ही नहीं है। पता कब चलता है जब आपको मेल बॉक्स में आपकी इस खरीदारी के लिए धन्यवाद देते हुए कंपनी का मेल आता है। आप चौंक जाते हैं कि यह कब हुआ। आप सोचकर गुस्सा होंगे कि आपसे पूछे बिना आपकी पत्नी ने कार खरीद ली, पर जानकर चौंक जाते हैं कि उसने भी कार नहीं खरीदी। आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका में पिछले महीने एक ऐसी ही घटना सामने आई।
अमेरिका के पोर्टलैंड में मि. स्टाउट की एक साल की बेटी ने उनके फोन से एक 242 डॉलर की कार ऑर्डर कर दी और उन्हें पता तब चला जब कंपनी की तरफ से उनके फोन पर धन्यवाद मेल आया। मि. स्टाउट चौंक गए। पहले तो उन्हें लगा कि यह कोई फ्रॉड मेल है। पर जब कार उनके घर आई और अकाउंट बैलेंस कम होने का पता चला तो वे परेशान हो उठे। न मि. स्टाउट न उनके परिवार के किसी और सदस्य ने यह कार खरीदी थी, फिर उनके नाम पर यह खरीदी किसने?
छानबीन के बाद पता चला कि ऑर्डर उनके मोबाइल से हुआ है। बाद में उन्हें मालूम हुआ कि जब बेटी को उन्होंने फोन खेलने के लिए दिया था, उसी ने खेलते-खेलते ई-बे दबा दिया और उसी ने खेलते-खेलते उस कार के ऑर्डर का बटन भी दबा दिया। बेचारे मि. स्टाउट, उन्हें कार की जरूरत तो नहीं थी, पर बिटिया का उपहार था यह तो, रखना पड़ा। आज वे यह सोचकर खुश हैं कि उसने कुछ मात्र 242 डॉलर की ही गिफ्ट खरीदी, कहीं दस हजार डॉलर की कार खरीद लेती तो बेचारे का क्या होता!
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