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सावधान! तैरना भी जानलेवा हो सकता है

आज भी नहाते हुए कभी-कभार मस्ती में गाते होंगे, ठंढे-ठंढे पानी से नहाना चाहिए, गाना आए या न आए, गाना चाहिए..। कई बार गर्मी से निजात पाने के लिए यूं ही तैराकी के लिए निकल पड़ना खाली समय में आपका पसंदीदा काम हो सकता है। पर तैरना कभी जानलेवा भी साबित होता है।

By Edited By: Published: Sat, 03 Aug 2013 03:22 PM (IST)Updated: Sat, 03 Aug 2013 03:22 PM (IST)

आज भी नहाते हुए कभी-कभार मस्ती में गाते होंगे, ठंढे-ठंढे पानी से नहाना चाहिए, गाना आए या न आए, गाना चाहिए..। कई बार गर्मी से निजात पाने के लिए यूं ही तैराकी के लिए निकल पड़ना खाली समय में आपका पसंदीदा काम हो सकता है। पर तैरना कभी जानलेवा भी साबित होता है। कैसे? शायद आप चौंक पड़ें जानकर। अमेरिका के अर्कासास की कैली हार्डिग कोमा में चली गई। कारण था पार्क के पूल में तैराकी करना। अर्कासास में एक वाटर पार्क है विलो स्प्रिंग्स वाटर पार्क। कैली उस दिन वहीं के पूल में तैराकी कर आई थी।

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दूसरे ही दिन उसे तेज बुखार के साथ नौजिया और उल्टी की समस्या शुरू हो गई। स्थिति तब भयावह हो गई जब डॉक्टर भी कैली के बुखार का कारण समझ पाने और उसे सामान्य कर पाने में असमर्थ थे। डॉक्टर कैली का बुखार ठीक करना तो दूर, कम करने में भी नाकाम रहे। नतीजा हुआ कि वह कोमा में चली गई। दरअसल कैली ब्रेन ईटिंग अमीबा या दिमाग खाने वाले अमीबा से संक्रमित हो गई थी। यह अपनी तरह का एक दुर्लभ संक्रमण है। पर एक बार संक्रमण के बाद रोगी का बचना मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति को पैरासिटिक मेनिनजाइटिस कहते हैं। यह नाइग्लेरिया फॉलेरी नाम के अमीबा के संक्रमण से होता है।

नाइग्लेरिया फॉलेरी अमीबा नदियों, झरनों, झीलों के 85 डिग्री से ज्यादा गर्म पानी या बहुत अधिक ठंढे पानी में पाया जाता है। इसका संक्रमण भी ऐसे पानी का शरीर में प्रवेश करने पर ही होता है। जाहिर है कोई नदियों या झीलों का पानी तो पीता नहीं। पर हां, अक्सर लोगों को तैराकी का शौक होता है। हालांकि यह संक्रमण कभी-कभी करोड़ों में एक को ही होता है पर तैराकी का शौक रखने वालों में तैरते समय नाक या मुंह से पानी अंदर जाने पर उसमें इस अमीबा की मौजूदगी से यह संक्रमण हो सकता है। इसका असर भी हर किसी पर अलग-अलग होता है।

अधिकांश मामलों में इसके लक्षण 7 से 10 दिनों में नजर आते हैं जबकि कैली के केस में यह एक दिन में ही दिखने लगा। 99 प्रतिशत मामलों में पैरासिटिक मेनिनजाइटिस के रोगियों की मौत हो जाती है। इसलिए डॉक्टर भी इससे बचाव करने की सलाह देते हैं। डॉक्टरों के अनुसार इससे बचने का एक ही उपाय है कि तैरने में सावधानी बरती जाए। बहुत गर्म या बहुत ठंढे पानी में तैराकी करने से बचें। साथ ही तैराकी के समय जितना संभव हो सिर पानी से बाहर ही रखें या तैराकी मास्क का उपयोग करें।

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