योगी सरकार ने केंद्र से मांगे 72 हजार करोड़ रुपये
इससे पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य के विकास के लिए भारी भरकम 80,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की थी।
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली: लोकलुभावन कृषि ऋण माफी योजना के लिए बजट की अच्छी खासी राशि आवंटित करने के बाद उत्तर प्रदेश ने विकास कार्यो के लिए केंद्र से मदद की गुहार लगायी है। योगी सरकार ने भारी भरकम 72 हजार करोड़ रुपये के 'पैकेज' की मांग की है। राज्य सरकार ने यह रकम आम लोगों को पेयजल मुहैया कराने, कुंभ मेला आयोजित करने और बुंदेलखंड पैकेज को आगे जारी रखने के लिए मांगी है।
सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार ने यह मांग नीति आयोग के समक्ष रखी है। 9 नवंबर को नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार के नेतृत्व में केंद्र सरकार के आला अधिकारियों के एक दल ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ राज्य के विकास की कार्ययोजना पर उच्च स्तरीय बैठक की थी जिसमें राज्य की ओर से वित्तीय मदद का आग्रह किया गया।
सूत्रों के अनुसार योगी सरकार ने सबसे ज्यादा धनराशि आम लोगों को 45,000 करोड़ रुपये पेयजल मुहैया कराने के लिए मांगी है। राज्य सरकार की दलील है कि राष्ट्रीय स्तर पर औसतन 54 प्रतिशत परिवारों को पाइप से जल आपूर्ति उपलब्ध है। अगर इस स्तर पर उत्तर प्रदेश को लाना है तो केंद्र से वित्तीय मदद की दरकार होगी।
राज्य सरकार ने 2019 में इलाहबाद में आयोजित होने वाले कुंभ की तैयारियों लिए के लिए 2,378 करोड़ रुपये की मांग की है। उल्लेखनीय है कि कुंभ के लिए वित्तीय मदद मांगने के लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 सितंबर को वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी।
सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार ने केंद्र से बुंदेलखंड पैकेज को 2021-22 तक जारी रखने की मांग करते हुए इसके तहत अतिरिक्त परियोजनाओं के लिए 4,714 की वित्तीय मदद मुहैया कराने का आग्रह किया है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2017-18 में व्यक्गित शौचालयों के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने 3,378 करोड़ रुपये की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता की गुहार केंद्र से लगायी है।
पांच सौ से कम की आबादी वाले गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ने के लिए केंद्र से मदद की पुरानी मांग भी राज्य सरकार ने फिर से उठायी है। सूत्रों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रम के बीते दो साल के बकाया 6,000 करोड़ रुपये की राशि भी केंद्र से मांगी है। इसके अलावा चालू वित्त वर्ष के लिए भी इस मद में 81,00 करोड़ रुपये की मांग राज्य सरकार ने की है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की ओर से इतनी विशाल धनराशि की मांग कोई नई नहीं है। इससे पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य के विकास के लिए भारी भरकम 80,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की थी। इसी तरह पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार ने भी समय-समय पर केंद्र से वित्तीय मदद की गुहार लगायी थी।
इन कामों के लिए मांगा केंद्र से मांगी
राशि करोड़ रुपये में
1. बुंदेलखंड पैकेज : 4,714
2. शौचालय निर्माण : 3,378
3. पेयजल : 45,000
4. कुंभ : 2,378
5. सर्व शिक्षा अभियान: 14,000
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