धुआं उड़ाने में महिलाएं भी पीछे नहीं
कभी घर के चूल्हे से धुआं उठाने वाली महिलाएं अब कश लगाकर धुआं उड़ा रहीं हैं। अब पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली महिलाएं अब उनके शौक भी अपनाने लगीं हैं। यही कारण है कि बीड़ी और सिगरेट से महिलाओं का नाता हो गया है। उत्तर प्रदेश में 3.5 प्रतिशत महिलाएं बीड़ी पी रही हैं तो 0.2 प्रतिशत महिल
लखनऊ (अजय श्रीवास्तव)। कभी घर के चूल्हे से धुआं उठाने वाली महिलाएं अब कश लगाकर धुआं उड़ा रहीं हैं। अब पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली महिलाएं अब उनके शौक भी अपनाने लगीं हैं। यही कारण है कि बीड़ी और सिगरेट से महिलाओं का नाता हो गया है।
उत्तर प्रदेश में 3.5 प्रतिशत महिलाएं बीड़ी पी रही हैं तो 0.2 प्रतिशत महिलाएं सिगरेट के कश लगाती हैं। राज्य तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ ने विभिन्न स्त्रोतों से जो आंकड़े एकत्र किए हैं। वह तंबाकू सेवन की हकीकत को बयां कर रहे हैं। एक अधिकारी के मुताबिक महिलाओं में गुटखा खाने की प्रवृत्ति बढ़ी है। जबकि युवाओं में गुटखा के बजाय सिगरेट का शौक बढ़ा है।
तंबाकू से जुड़ी हकीकत
विश्व भर में 54 लाख लोग तंबाकू के सेवन से जान गंवाते हैं
6.5 सेकेंड में एक स्मोकर की मौत होती है।
करीब आठ भारतीय प्रतिवर्ष तंबाकू के सेवन से मरते हैं, जो एड्स, क्षय रोग व मलेरिया से मरने वालों की संख्या से कुछ अधिक हैं।
भारत में कैंसर से मरने वाले सौ रोगियों में से 40 तंबाकू के सेवन से मरते हैं।
करीब 95 प्रतिशत मुंह के कैंसर तंबाकू सेवन करने वाले व्यक्तियों में होते हैं
2015 में धूमपान से जाएगी 65 लाख अपनी जान गंवाएंगे
2030 में यह सं या बढ़कर 83 लाख तक पहुंच जाएगी
तंबाकू सेवन के कई प्रकार
धूम्रपान के अलावा तंबाकू सेवन कई प्रकार के होते हैं। इसमें जर्दा, खैनी, हुक्का, गुटका, तंबाकू युक्त मसाला मावा, मिसरी व गुल। यह भी बीड़ी सिगरेट की तरह खतरनाक है।