Move to Jagran APP

महिला को है गर्भधारण के फैसले का अधिकार : सुप्रीम कोर्ट

आश्चर्य है कि 21 वीं शताब्दी में भी हम महिलाओं को मानवता का फल दिलाने में सक्षम नहीं हो सके।

By Manish NegiEdited By: Published: Sat, 11 Feb 2017 07:56 PM (IST)Updated: Sat, 11 Feb 2017 09:04 PM (IST)
महिला को है गर्भधारण के फैसले का अधिकार : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति एके सीकरी ने कहा कि बच्चे पैदा करना या गर्भपात कराना या गर्भधारण रोकना ये सब तय करना महिला की पसंद पर है। यह उसका अधिकार है।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि देश में जब हम प्रजनन अधिकारों की बात करते हैं तब पाते हैं कि इसका चुनाव करना महिला के पास कम ही होता है। आश्चर्य है कि 21 वीं शताब्दी में भी हम महिलाओं को मानवता का फल दिलाने में सक्षम नहीं हो सके। न्यायमूर्ति सीकरी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रजनन अधिकार वास्तव में मानवाधिकार है और यह इंसान के मान-सम्मान पर आधारित है। जब हम प्रजनन अधिकारों की बात करते हैं तब इससे महिलाओं का एक अन्य अधिकार जुड़ता है और वह है सेक्सुअल अधिकार। भारत में परिवार में कब बच्चा हो यह पति की पसंद या बुजुर्गों के कहने पर होता है। साथ ही यह भी कि लड़का हो या लड़की। उन्होंने कहा कि जब हम समानता की बात करते हैं तब महिला को अपने पार्टनर के साथ मिलकर फैसला लेने का अधिकार होना चाहिए।

सड़क पर सिस्टम को कोसती रही गर्भवती महिला, पुलिसकर्मियों ने की मदद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.