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नोटबंदी के बाद सरकार की सोच से कहीं ज्‍यादा कालाधन आया बाहर

नोटबंदी के बाद सरकार की सोच से कहीं अधिक कालाधन बैंकों में जमा हुआ है। हालांकि बड़े व्‍यापारी इसी तरह से अपने कालेधन को सफेद करने में भी लगे हुए हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 04 Dec 2016 09:08 AM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2016 12:37 PM (IST)
नोटबंदी के बाद सरकार की सोच से कहीं ज्‍यादा कालाधन आया बाहर

नई दिल्ली। कालेधन के खुलासे को लेकर नोटबंदी के फैसले के बाद सरकार अपनी सोच पर खरी उतरती हुई दिखाई दे रही है। दरअसल नोटबंदी के बाद सरकार की सोच से कहीं अधिक धन जमा हुआ है। 8 नवंबर की रात को नोटबंदी का एलान खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने टीवी पर प्रसारित अपने जन संदेश में किया था। इस दौरान 500 और 1000 के पुराने नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे। सरकार के आंकड़ाें के मुताबिक तब से लेकर अब तक करीब 9.85 लाख करोड़ रुपये जमा हुए हैं। सरकार ने नोटबंदी के करीब तीन लाख करोड़ रुपये का कालाधन बाहर आने की उम्मीद रखी थी। अब उम्मीद यह की जा रही है कि इस वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा और बढ़ जाएगा।

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यह आंकड़ा केंद्र सरकार के उस अनुमान को भी झूठा साबित करता नजर आ रहा जिसमें कहा जा रहा था कि नोटबंदी से करीब तीन लाख करोड़ रुपये का काला धन बैंकों में नहीं आएगा और इस तरह यह रकम अर्थव्यवस्था से बाहर हो जाएगी। दसअसल सरकार का आकलन था कि 14.6 लाख करोड़ रुपये के बड़े नोटों में से 10 प्रतिशत बैंकों में नहीं आएगा जिससे आरबीआई की देनदारी कम हो जाएगी। इस प्रकार यह रकम सरकार के लाभांश के रूप में बचेगी।

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एक अंग्रेजी अखबार की वेबसाइट की खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अमान्य नोटों का बैंकों में लगातार जमा होने का मतलब है कि कालेधनवालों ने पैसे सफेद करने का रास्ता ढूंढ लिया। पीएम नरेंद्र मोदी ने जनधन खातों में अचानक आई बड़ी रकम का जिक्र किया। शुरुआती जांच में पता चला है कि लोगों ने जनधन खातों में एक बार में 49,000 रुपये ही जमा किए ताकि उन्हें पैन नंबर नहीं देना पड़े। गौरतलब है कि एक बार में 50,000 या इससे ज्यादा रुपया जमा करने पर बैंक को पैन नंबर बताना होता है।

इसी तरह जनधन खातों से हर महीने मात्र 10,000 रुपये तक निकाल पाने पर लगाई गई पाबंदी भी है। मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि कालाधन रखने वाले कई बड़े लोग अपने कर्मचारियों के खातों में पैसा जमा कर रहे हैं । इतना ही वह उनसे पोस्ट डेटेड चेक भी ले रहे हैंं। इस तरह से बड़े कारोबारी अपने कालेधन को सफेद बनाने में जुटे हैं। हालांकि इसके बाद भी जानकार मानते हैं कि नोटबंदी की इस योजना से कालेधन का एक बड़ा हिस्सा अब भी अर्थव्यवस्था से बाहर हो जाएगा।

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