पाक पीएम नवाज शरीफ से जून में मुलाकात कर सकते हैं मोदी
जून के दूसरे हफ्ते में अस्ताना (कजाखस्तान) में शंघाई सहयोग संघटन (एससीओ) की बैठक होने वाली है जिसमें भारत व पाकिस्तान के पीएम के शामिल होने के आसार हैं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। इस बात की संभावना पहले ही जताई जा रही थी कि पांच राज्यों के चुनाव के बाद भारत की तरफ से पाकिस्तान के साथ रिश्तों पर जमीं बर्फ को हटाने की शुरुआत हो सकती है। काम शायद शुरू हो गया है। पहले सिंधु जल समझौते पर वार्ता के लिए सरकारी दल इस्लामाबाद भेजने के बाद अब पीएम नरेंद्र मोदी ने पीएम नवाज शरीफ को पाकिस्तान दिवस पर बधाई देते हुए पत्र लिखा है। ऐसे में कूटनीतिक सर्किल में इस बात की चर्चा गर्म है कि मोदी और शरीफ के बीच जून, 2017 में मुलाकात हो सकती है।
जून के दूसरे हफ्ते में अस्ताना (कजाखस्तान) में शंघाई सहयोग संघटन (एससीओ) की बैठक होने वाली है जिसमें भारत व पाकिस्तान के पीएम के शामिल होने के आसार हैं। इस बैठक में ही इन दोनों देशों को एससीओ के पूर्णकालिक सदस्य के तौर पर शामिल किया जाना है। उस समय पीएम मोदी कजाखस्तान के पड़ोसी देश रूस में भारत-रूस के कूटनीतिक रिश्तों के 70 वर्ष पूरा होने पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेने के जाएंगे। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि ठीक दो वर्ष पहले उफा (रूस) में एससीओ की बैठक में ही मोदी ने शरीफ से पांच मिनट की वार्ता की थी जिससे दोनों देशों के बीच आधिकारिक तौर पर बातचीत को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हुआ था।
बहरहाल, पीएम मोदी की तरफ से शरीफ को लिखे गये पत्र को विदेश मंत्रालय ने वैसे तो यह महज एक कूटनीतिक औपचारिकता करार दिया है लेकिन जानकारों का कहना है कि पिछले एक वर्ष से जिस तरह से द्विपक्षीय रिश्तों में खटास घुल रही थी उसे देखते हुए इसकी अपनी अहमियत है। भारत ने नरमी के संकेत फरवरी, 2017 से ही देने शुरु किये हैं। तब विदेश मंत्रालय के तहत आने वाले आईसीसीआर ने लाहौर लिटरेचर फेस्टिवल का सहआयोजन किया। पहली बार आईसीसीआर ने पाकिस्तान में किसी कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस बीच भारत ने विभिन्न जेलों में बंद पाकिस्तान के 31 कैदियों को छोड़ने का भी ऐलान किया। उसके बाद भारतीय सांसदों का एक दल वहां एशियाई सांसदों के वैश्विक कार्यक्रम में हिस्सा भी लिया। इसी हफ्ते भारत व पाक के अधिकारियो के बीच सिंधु जल समझौते पर बातचीत हुई है।
सनद रहे कि दिसंबर, 2015 तक मोदी और शरीफ के बीच लगातार संवाद हुआ है। एक दूसरे को जन्मदिन की बधाई देने वाले इन दोनों ने पिछले वर्ष यह औपचारिकता भी नहीं निभाई। आतंकवाद पर पाकिस्तान के रवैये को देखते हुए भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसे कूटनीतिक तौर पर अलग थलग करने की पूरी कोशिश भी की। उरी हमले के बाद पीएम मोदी ने सिंधु जल समझौते को यह कहते हुए धमकी दे दी कि, 'खून व पानी एक साथ नहीं बह सकते।'
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