कार में बैठा चौथा शख्स कौन था?
निशांत, लक्ष्मण व बलविंदर के परिजनों को इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा है कि कार में उनकी मौत कैसे हुई। परिजनों ने बताया कि घटनास्थल पर कार के पिछले दरवाजे का शीशा खुला हुआ था। कार में चाबी लगी हुई थी और गाड़ी के अंदर लाइट जल रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जब गाड़ी यहां आकर
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। निशांत, लक्ष्मण व बलविंदर के परिजनों को इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा है कि कार में उनकी मौत कैसे हुई। परिजनों ने बताया कि घटनास्थल पर कार के पिछले दरवाजे का शीशा खुला हुआ था। कार में चाबी लगी हुई थी और गाड़ी के अंदर लाइट जल रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जब गाड़ी यहां आकर रुकी थी, तो उसमें आगे की सीट पर चौथा व्यक्ति भी था, लेकिन बाद में वह दिखाई नहीं दिया।
लक्ष्मण के भाई कन्हैया लाल ने बताया कि लक्ष्मण, बलविंदर व निशांत अक्सर एक साथ कार में जाते थे। इस दौरान वे कारोबार से संबंधी काम भी निपटाते थे। सोमवार रात तीनों साथ थे और कार में बैठकर कुछ खा रहे थे। परिजनों का आरोप है कि गाड़ी में मौजूद चौथा व्यक्ति तीनों को जहरीला पदार्थ खिलाकर पैसे लेकर फरार हो गया है।
कन्हैया ने बताया कि सोमवार को किसी क्लाइंट से तीनों को डेढ़ लाख रुपये मिले थे। हादसे के बाद कार में रुपये नहीं थे। पुलिस का कहना है कि कार में शराब पीने के सुबूत नहीं मिले हैं। शव से भी शराब की दुर्गध नहीं आ रही थी।
दोस्त की मौत भी ऐसे ही हुई थी
इस वर्ष फरवरी में तीनों के दोस्त सुजीत की भी मौत हो गई थी। सुजीत आरकेपुरम सेक्टर तीन में हनुमान कैंप में रहता था। वह भी उनके बिजनेस में हाथ बटाता था। उसकी मौत सड़क हादसे में हुई थी। हालांकि, सुजीत के मोहल्ले के लोगों का आरोप है कि उसकी मौत की जांच ठीक से नहीं की गई। सिर्फ एक हादसा साबित कर दिया गया।