डोनाल्ड ट्रंप का टैक्स प्लान: इनकम टैक्स की 3 स्लैब, कॉर्पोरेट टैक्स में 20% की कटौती
अमेरिकी प्रशासन के दो अधिकारियों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैक्स प्लान के बारे में जानकारी दी है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। बुधवार को व्हाइट हाउस के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैक्स प्लान की जानकारी दी। व्हाइट हाउस के मुख्य आर्थिक सलाहकार गैरी कोहन और ट्रेजरी सेक्रेटरी स्टीवन म्युचिन ने पत्रकारों से नए टैक्स प्लान पर बातचीत करते हुए यह दावा किया कि अमेरिका के इतिहास की यह सबसे बड़ी कर कटौती होगी। व्हाइट हाउस की ओर से दिये गए फैक्ट्स के मुताबिक नया टैक्स प्लान राष्ट्रति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप की ओर से किए गए वादों की झलक दिखाता है।
इनकम टैक्स के तीन स्लैब
नए टैक्स प्लान के अंतर्गत अमेरिका में इनकम टैक्स की कुल सात स्लैब को घटाकर तीन करने का प्रस्ताव है। यह तीन स्लैब 10 फीसद, 25 फीसद और 35 फीसद की होंगी। इस पर अभी स्पष्टता आनी बाकी है कि कितनी आय वाला नागरिक किस टैक्स स्लैब के अंतर्गत आएगा।
कॉर्पोरेट टैक्स में भारी कटौती का प्रस्ताव:
नए टैक्स प्लान के अंतर्गत कॉर्पोरेट टैक्स में भारी कटौती का प्रस्ताव है। कॉर्पोरेट टैक्स को 35 फीसद से घटाकर 15 फीसद किये जाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा नए टैक्स प्लान में मॉर्गेज और चैरिटेबिल ट्रस्ट को दिये गए दान को छोड़ सभी तरह की कर राहतों को खत्म करने का प्रस्ताव भी है। व्हाइट हाउस के मुताबिक ऐसी कंपनियां जिनके करोड़ों डॉलर विदेशों में हैं उन पर ''वन टाईम टैक्स'' (एक बार टैक्स) लगेगा। हालांकि यह टैक्स की दर कितनी होगी यह निर्धारित नहीं है।
कर राहतों में कटौती
व्हाइट हाउस की ओर से जारी किये गए नए टैक्स प्लान के अंतर्गत मॉर्गेज और चैरिटेबिल ट्रस्ट को दिये गए दान को छोड़ सभी तरह की कर राहतों को खत्म करने का प्रस्ताव है। कोहन ने कहा कि हमारी योजना संपत्ति कर को खत्म करने की है। यह कदम निजी तौर पर आयोजित व्यवसायों और अमेरिकी किसानों को मदद करेगा। संपत्ति कर के विश्लेषण से पता चलता है कि यह केवल अमेरिकियों के बहुत छोटे हिस्से को प्रभावित करता है।
1986 के बाद पहला टैक्स रिफॉर्म
नए टैक्स के प्लान के बारे में बताते हुए ट्रेजरी सेक्रेटरी स्टीवन म्युचिन ने कहा कि हम अपनी पूरी क्षमता से आगे बढ़ना चाहते हैं। म्युचिन ने अगस्त तक 1986 के बाद के पहले टैक्स रिफॉर्म का लक्ष्य रखा है। हाल में ही म्युचिन की इस डेडलाइन को व्हाइट हाउस का भी समर्थन मिला है।