जानें, ICJ का फैसला भारत के पक्ष में आया तो क्या बचेगी जाधव की जान?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर अंतर्राष्ट्रीय अदालत का फैसला भारत के पक्ष में आता है तो क्या भारत जाधव की जान बचाने में सफल हो जाएगा।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। कुलभूषण जाधव मामले में नीदरलैंड स्थित अंतर्राष्ट्रीय अदालत (इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस) ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। आईसीजे ने कहा कि वह जल्द से जल्द जाधव मामले पर अपना फैसला सुना देगी।
इससे पहले, पाकिस्तान की सैन्य अदालत से फांसी की सज़ा पा चुके कुलभूषण जाधव केस में आईसीजे गए भारत ने जिरह करते हुए अपनी दलीलें पेश की है। भारत ने बताया कि किस तरह पाकिस्तान ने जाधव मामले को लेकर मनगढ़ंत तरीके से केस बना उसे फांसी की सज़ा सुनाई है और बार-बार मांग के बावजूद उसे कांसुलर एक्सेस नहीं दी गई। भारत ने इसे विएना संधि का साफतौर पर उल्लंघन करार दिया।
पाक ने कहा- जाधव को फांसी देने की जल्दबाजी नहीं
जबकि, दूसरी तरफ पाकिस्तान ने अपनी तरह से दलीलें पेश करते हुए कहा कि कुलभूषण जाधव की इसलिए कांसुलर एक्सेस नहीं दी गई क्योंकि वह उसके योग्य नहीं है। पाकिस्तान ने कहा कि वह जाधव को फांसी देने की किसी जल्दबाजी में नहीं है और जाधव को फांसी के खिलाफ अपील करने के लिए 50 दिनों का समय दिया गया है। पाकिस्तान में आईसीजे में कहा कि जाधव को ब्लूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया जहां पर वह विध्वंसकारी साजिशें रच रहा था।
फैसला खिलाफ रहा तो क्या करेगा भारत
ऐसे में सवाल उठता है कि अगर इंटरनेशनल कोर्ट का फैसला भारत के खिलाफ जाएगा तो क्या होगा? सवाल बेहद लाजिमी है क्योंकि अदालत की तरफ से सुनवाई हो रही है और किसी एक पक्ष की हार निश्चित है। भारत ने पूरजोर तरीके से पूरे मामले को अदालत के सामने रखने की कोशिशें की है। लेकिन, अगर आईसीजे का फैसला भारत के खिलाफ रहता है तो फिर पूर्व नेवी ऑफिसर कुलभूषण जाधव को बचाने की आखिरी कोशिश भी धूमिल हो जाएगी। उसकी वजह यह है कि भारत की तरफ से कई बार कांसुलर एक्सेस मांगे जाने के बावजूद ना तो पाकिस्तान ने उसकी इजाजत दी और ना ही अभी तक ये पता है कि वह किस हाल में है। ऐसे में अंतिम इंसाफ के लिए आईसीजे गए भारत को वहां से झटका लगता है सारी उम्मीदें धूमिल हो जाएगी।
ICJ का फैसला पक्ष में रहा तो क्या होगा
कुलभूषण जाधव मामले में सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर अंतर्राष्ट्रीय अदालत का फैसला भारत के पक्ष में आता है तो क्या भारत जाधव की जान बचाने में सफल हो जाएगा। जानकारों की मानें तो भारत के पक्ष में आईसीजे का फैसला आने के बाद जाधव की जान बच जाएगी यह कहना बेहद मुश्किल है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जाधव मामले पर पाकिस्तान के बार-बार बदलते रुख से जहां संदेह पैदा हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ अगर वह आईसीजे का फैसला नहीं भी मानता तो वह एक मात्र ऐसा देश नहीं होगा जो अंतर्राष्ट्रीय अदालत के फैसले को मानने से इनकार करेगा।
ICJ को चीन दिखा चुका है ठेंगा
दक्षिण चीन सागर विवाद पर चीन को आईसीजे से झटका लगा था। लेकिन, चीन ने अंतर्राष्ट्रीय अदालत की तरफ से दक्षिण चीन सागर पर दिए फैसले को मानने से साफ इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, खुलेआम चीन ने अपने बाहुबल का प्रयोग करते हुए साफ कर दिया है कि उसकी नजर में अंतर्राष्ट्रीय अदालत के इस फैसले की कोई अहमियत नहीं है क्योंकि दक्षिण चीन सागर पर सिर्फ उसका ही एकाधिकार है।
हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय अदालत के फैसले पर जिस तरह से चीन ने प्रतिक्रिया जाहिर की उसके बाद अमेरिका समेत कई देशों ने उसकी तीखी आलोचना की। हालांकि, भारत ने अपनी प्रतिक्रिया देने में काफी सतर्कता बरती। ऐसे में सवाल उठता है कि पाकिस्तान भी अगर चीन की तरफ अंतर्राष्ट्रीय अदालत के फैसले को ठेंगा दिखाता है तो फिर क्या होगा। जानकारों की मानें तो पाकिस्तान की नीयत को देखने के बाद कुछ भी साफतौर पर कहना मुश्किल है।
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