पीएम बन भी गए तो भी मम्मी से पूछेंगे राहुल कि क्या करें: अमित शाह
चुनाव आयोग पर प्रतिबंध समाप्त होने के बाद हाथरस में अपनी पहली जनसभा में उत्तर प्रदेश के प्रभारी तथा भाजपा के महासचिव अमित शाह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष पर चुटकी लेते हुए कहा कि यदि वह आने वाले समय में देश के प्रधानमंत्री बन भी गए तो भी मम्मी से ही पूछेंगे कि क्या करें, क्या न करें। इस तरह के लोग से आप देश चलाने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।
वाराणसी। चुनाव आयोग पर प्रतिबंध समाप्त होने के बाद हाथरस में अपनी पहली जनसभा में उत्तर प्रदेश के प्रभारी तथा भाजपा के महासचिव अमित शाह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष पर चुटकी लेते हुए कहा कि यदि वह आने वाले समय में देश के प्रधानमंत्री बन भी गए तो भी मम्मी से ही पूछेंगे कि क्या करें, क्या न करें। इस तरह के लोग से आप देश चलाने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इन दिनों चुनावी गर्मी झेलने की क्षमता एसी में रहने वाले राहुल गांधी में नहीं है। उन्होंने कहा कि जो अपने संसदीय क्षेत्र में मां तथा बहन प्रियंका की मदद से बेड़ा पार करने की सोच रहा हो उससे बड़ी उम्मीद नहीं की जा सकती।
इससे पहले उन्होंने गाजीपुर में चुनावी जनसभा को भी संबोधित किया। बनारस में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि पहले दो चरणों के मतदान में उन्हें बीस में से अठारह सीटों पर जीत मिलेगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा सरकार से जनता पूरी तरह से त्रस्त है, वहीं बसपा से भी लोग अब नाराज हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों ही पार्टियों ने केंद्र में कांग्रेस की सरकार को बने रहने में मदद की है, लिहाजा लोगों में असंतोष है।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में मोदी की लहर है। शाह ने इस आरोप का भी खंडन किया है कि भाजपा ने जाति के आधार पर प्रत्याशियों को टिकट बांटे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार भाजपा यूपी में सबसे ज्यादा सीट पाने वाली पार्टी बनेगी। हालांकि वह मोदी के नामांकन के दौरान होने वाले प्रस्तावकों के नाम पर जवाब टाल गए। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की भूमिका के बारे में उन्होंने कहा कि यह पार्टी का काम है और वही तय भी करेगी।
राजनाथ और मुस्लिम धर्मगुरुओं की मुलाकात पर उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। नेताओं के बीच हो रही बदजुबानी पर उनका कहना था कि लोगों को केवल तथ्यों को देखना चाहिए तभी वोट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की खराब आर्थिक हालत और विकास में पिछड़ने के लिए केवल कांग्रेस और राहुल-सोनिया ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने चुनाव बाद भाजपा की सीटों के लिए आंकड़ा देने से तो मना कर दिया लेकिन यह जरूर कहा कि इस बार भाजपा रिकार्ड सीटों से जीतेगी।
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