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'लूपलाइन' में बुंदेलखंड जल संकट से निपटने आई पानी एक्सप्रेस

बुंदेलखंड की प्यास बुझाने आयी रेलवे की पानी एक्सप्रेस सियासत के चलते लूपलाइन में चली गयी है। रतलाम (मध्य प्रदेश) से भेजे गए इन वॉटर टैंकर वैगन पर असमंजस की स्थिति बरकरार है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 05 May 2016 08:17 PM (IST)Updated: Fri, 06 May 2016 08:11 AM (IST)
'लूपलाइन' में बुंदेलखंड जल संकट से निपटने आई पानी एक्सप्रेस

लखनऊ। बुंदेलखंड की प्यास बुझाने आयी रेलवे की पानी एक्सप्रेस सियासत के चलते लूपलाइन में चली गयी है। रतलाम (मध्य प्रदेश) से भेजे गए इन वॉटर टैंकर वैगन पर असमंजस की स्थिति बरकरार है। रेलवे अब इसे इमरजेंसी के लिए भेजी गयी मदद व रेलवे बोर्ड के अगले आदेश का हवाला देकर रुटीन प्रॉसेस बता रहा है, वहीं इन वैगन को रेलवे वर्कशॉप भेजे जाने के अधिकारियों के दावे को वर्कशॉप प्रशासन ने सिरे से खारिज कर बता दिया है कि कुछ तो है, जिस पर पर्दा डालने की कोशिश चल रही है।

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बुंदेलखंड में जल संकट को देखते हुए रतलाम से दस टैंकर वैगन (बीटीपीएन) झांसी के लिए रवाना किए गए थे, जो बुधवार को पहुंच गए थे। महोबा जिला प्रशासन द्वारा रोड टैंकर से आपूर्ति को पर्याप्त बताने के बाद बखेड़ा खड़ा हो गया। इसे केंद्र और प्रदेश के बीच दूरियों का परिणाम भी बताया जा रहा है। रेलवे प्रशासन ने साफ कर दिया था कि जिस जिले से मांग आएगी, वहां इन्हें भेज दिया जाएगा, पर महोबा के इनकार के बाद प्रदेश का कोई जिला इसकी मांग करेगा, यह मुश्किल ही दिखायी पड़ रहा है। क्रेडिट लेने की इस होड़ में बुंदेलखंडवासियों के गले प्यासे रह जाने की स्थिति से भी इनकार नहीं किया जा सकता। रेलवे वर्कशॉप अधिकारियों ने इस बात से साफ इनकार कर दिया कि इन वैगन को वर्कशॉप में भेजा जाएगा। मुख्य कारखाना प्रबंधक अतुल्य सिन्हा ने बताया कि वर्कशॉप में महाराष्ट्र के लिए अलग से 50 वैगन तैयार किए जा रहे हैं।

10 लाख से अधिक हो गए खर्च

इन वैगन को रतलाम से झांसी लाने में कितना खर्च करना पड़ा, रेलवे ने इस पर जानकारी न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया है, पर विभागीय सूत्रों ने तस्दीक कर दी है कि इस पर लाखों रुपये खर्च हो गए हैं। इसकी गणना इस प्रकार से की जा सकती है। रतलाम से झांसी की दूरी 571 किलोमीटर है। फ्रीट नियमों के अनुसार खाली वैगन ले जाने के लिए प्रति वैगन के हिसाब से 61 रुपये प्रति किलोमीटर अदा करना होता है। चूंकि वैगन दस हैं, इसलिए यह धनराशि तीन लाख 48 हजार रुपये हो गयी। वहीं, इंजन कॉस्ट की गणना के मुताबिक 7,950 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से देना होता है। यदि वैगन को पहुंचने में 12-14 घंटे भी लगे, तो इस हिसाब से एक लाख रुपये खर्च हो गए। इसके अलावा 49.50 रुपये प्रति लिटर हाइस्पीड डीजल व अन्य खर्च मिलाकर 10 लाख रुपये आसानी से पार करता दिख रहा है। बहरहाल, इस वैगन को झांसी तक लाने में लाखों रुपये खर्च हुए, जो पानी में जाते दिख रहे हैं।


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