वेंकैया बोले- देश को संविधान का अनुसरण करने वाला राष्ट्रपति चाहिए
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए नायडू का कहना है कि देश को संविधान का अनुसरण करने वाला राष्ट्रपति चाहिए।
हैदराबाद, प्रेट्र। राष्ट्रपति पद के चुनाव को सैद्धांतिक लड़ाई में तब्दील करने की विपक्षी दलों की कोशिश का केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि शीर्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में सिद्धांतों को घसीटना उचित नहीं है। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए नायडू का कहना है कि देश को संविधान का अनुसरण करने वाला राष्ट्रपति चाहिए।
सोमवार को संवाददाता से विशेष बातचीत में वेंकैया विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस एवं वाम दलों पर हमलावर रहे। उन्होंने कहा, '1975 में तत्कालीन राष्ट्रपति ने कैबिनेट की सिफारिश के बिना केवल उस समय की प्रधानमंत्री के पत्र पर ही इमरजेंसी लागू करने के आदेश पर दस्तखत कर दिया था।' बकौल नायडू, 'इसलिए ऐसे राष्ट्रपति को चुनना ज्यादा महत्वपूर्ण है, जो संविधान के अनुसार चले।' केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री के अनुसार, राष्ट्रपति पद के चुनाव को आरोप-प्रत्यारोप लगाने वाली राजनीति से ऊपर उठकर लड़ने की आवश्यकता है। इसको सैद्धांतिक लड़ाई में तब्दील करना अनुचित है।
कड़ी टक्कर की उम्मीद
वामपंथी दलों को भरोसा है कि मीरा कोई सांकेतिक लड़ाई नहीं लड़ रही हैं, बल्कि वह राजग प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को कड़ी टक्कर देंगी। भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा, 'राष्ट्रपति पद के चुनाव में कोई सांकेतिक लड़ाई नहीं होने जा रही है। लड़ाई कांटे की होगी। निर्वाचक मंडल के 10,98,903 वोटरों में से हमने साढ़े तीन लाख से लेकर चार लाख मतदाताओं से संपर्क साध लिया है। जल्द ही राजग घटक दलों से भी संपर्क किया जाएगा।'
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