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यूपी में आलू, बैंगन और नागिन को मिल रहा सस्ता राशन

प्रदेश में सब्जियों और फिल्मी गानों के मुखड़े के मुखड़ों को भी हर माह गरीबों वाला अनाज मिल रहा है।

By amal chowdhuryEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 10:42 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 10:58 AM (IST)
यूपी में आलू, बैंगन और नागिन को मिल रहा सस्ता राशन

आगरा (मुन्नालाल शर्मा)। उत्तर प्रदेश में अनोखा काम हो रहा है। सरकार आलू, बैंगन, लौकी को सरकारी सस्ता राशन दे रही है। ये गेहूं और चावल राशन की दुकान से उठा रहे हैं और मस्ती से खा रहे हैं। यह दौड़ यहीं नहीं रुकती। फिल्मी गानों के मुखड़े 'नाचे नागिन गली-गली' और 'मेरी गलियों में न रखना कदम' को भी हर माह गरीबों वाला अनाज मिल रहा है। चौक गए न कि आखिर यह कैसा गोरखधंधा है।

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गरीबों को हर माह सस्ती दर पर राशन सामग्री मिलने की यह सुविधा फतेहाबाद तहसील की ग्राम पंचायत निबोहरा में चल रही है। इसे तहसील के अफसरों और राशन विक्रेता पदम सिंह ने मिलकर शुरू किया और बड़ा घोटाला कर डाला। राशन कार्ड विक्रेता ने 760 राशन कार्ड बनवाए, जिनमें 3927 यूनिट (कुल व्यक्ति) शामिल हैं।

जागरण की खोज में ऐसे बहुत से कार्ड आए हैं, जिनमें 53 यूनिट सब्जियों, फिल्मी गानों के नाम पर हैं। एक कार्ड में मनोहरलाल का नाम घर के मुखिया के तौर पर नाम दर्ज है। अब उनके परिवार के सदस्यों के नाम सुनेंगे तो चौंक जाएंगे। इनमें भिंडी, तोरई, काशीफल, काजू, बादाम, अखरोट और सुपारी हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जिन मनोहरलाल को घर का मुखिया दर्शाया है, वह तो अभी कुंवारे हैं। ऐसे में भिंडी, तोरई और काशीफल उनके बच्चे कैसे हो गए। एक राशन कार्ड में 'मेरी गलियों में न रखना कदम' को अनाज मिल रहा है तो नागिन भी गली-गली नाच कर राशन ले रही है।

लगातार सवा साल से इन्हें खाद्य सुरक्षा योजना के तहत दो रुपये प्रति किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। इस हिसाब से बीते 15 माह में 39 क्विंटल खाद्यान्न इन्हें मिल चुका है। ग्राम प्रधान कमलेश कुमारी का कहना है कि करीब 150 राशन कार्ड फर्जी होने की बात उनकी भी जानकारी में है। यूनिट कितनी फर्जी हैं, यह बताना मुश्किल है।

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अफसरों से कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। जांच कराकर फर्जी यूनिटों को निरस्त किया जाएगा। फर्जीवाड़ा कैसे हुआ, इसकी भी जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

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