समोसा बेचने वाले के बेटे ने लहराया परचम, JEE में हासिल की छठी रैंक
मोहन ने अपने सपने के आगे परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति को आड़े नहीं आने दिया। मोहन के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है।
हैदराबाद, एएनआई। कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो... ये कहावत आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद के वी मोहन अभ्यास पर बिल्कुल सटीक बैठती है। वी मोहन ने अपनी मेहनत और कठिन परिश्रम से कॉम्पिटिशन एग्जाम जेईई (संयुक्त प्रवेश परीक्षा) की परीक्षा में पूरे देश में छठी रैंक हासिल की है। इतना ही नहीं इस होनहार छात्र ने आंध्र प्रदेश EAMCET (इंजीनियरिंग, कृषि और मेडिकल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) में टॉप रैंकिंग हासिल की है।
मोहन ने अपने सपने के आगे परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति को आड़े नहीं आने दिया। मोहन के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। उसके पापा वी सुब्बा राव समोसा बेचकर अपने परिवार का पेट पालते हैं। लेकिन, मोहन की मेहनत और लगन उसे इस मुकाम पर ले आई।
मोहन बताता है 'मैंने कक्षा 8 में ही आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की ठान ली थी। जिसके बाद मेरी नजर मेरे लक्ष्य पर टिकी रही। मैंने नियमित रूप से सभी क्लास में हिस्सा लेता था।' मोहन अभ्यास को 360 में से 345 अंक हासिल हुए हैं। उसने अपनी सफलता का श्रेय परिजनों, शिक्षकों और अपनी मेहनत को दिया है। उसने हैदराबाद के बाहरी इलाके कुकटपल्ली के आकाश इंस्टिट्यूट से कोचिंग ली थी।
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