सिविल सेवा परीक्षा में बेटियों का कमाल
संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) ने शनिवार को सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे घोषित किए। इसमें पहली बार पहले चार स्थानों पर लड़कियां काबिज रही हैं। इनमें से तीन लड़कियां दिल्ली की ही हैं, जिसमें से इरा सिंघल पहले, निधि गुप्ता तीसरे और वंदना राव चौथे स्थान पर हैं। शारीरिक रूप
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) ने शनिवार को सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे घोषित किए। इसमें पहली बार पहले चार स्थानों पर लड़कियां काबिज रही हैं। इनमें से तीन लड़कियां दिल्ली की ही हैं, जिसमें से इरा सिंघल पहले, निधि गुप्ता तीसरे और वंदना राव चौथे स्थान पर हैं। शारीरिक रूप से विकलांग लेकिन साहस की देवी आइआरएस अफसर इरा सिंघल सिविल सेवा परीक्षा में इस बार अव्वल रहीं।
वह यूपीएससी के इतिहास में पहली ऐसी प्रतियोगी हैं, जिन्होंने विकलांग होते हुए भी पूरे देश में टॉप किया।
रीढ़ की हड्डी की बीमारी स्कालियोसिस से पीडि़त 29 वर्षीय आइआरएस अफसर इरा सिंघल ने अपनी शारीरिक कमी के बावजूद सामान्य श्रेणी में टॉप किया। इस परीक्षा में उनका छठा प्रयास था। इरा ने कहा कि वह बहुत खुश हैं।
दृढ़ निश्चय ने उन्हें कामयाबी दिलाई है। वह आइएएस अफसर बनकर विकलांग लोगों के हित में काम करना चाहती हैं। उल्लेखनीय है कि 2012 में कैट में चयन होने के बावजूद शारीरिक कमी के चलते इरा को आइआरएस में नियुक्ति देने से इन्कार किया गया था। बाद में इरा की अपील पर कैट ने उन्हें नियुक्त किए जाने के लिए निर्देशित किया था।
डॉ.रेणु को पहले प्रयास में सफलता :
केरल से डॉक्टर रेणु राज दूसरे स्थान पर हैं। डॉक्टर रेणु को प्रथम प्रयास में ही सफलता मिल गई। आइएएस बनने की इच्छुक रेणु ने तिरुवनंतपुरम से फोन पर बताया कि वह बहुत खुश हैं। कोलम के अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर रेणु पिछले एक साल से सिविल परीक्षा की तैयारी कर रही थीं।
आइआरएस अफसर हैं निधि गुप्ता :
दिल्ली से ही आइआरएस अधिकारी निधि गुप्ता तीसरे स्थान पर हैं। निधि इस समय सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क में सहायक आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। उनकी अभी फरीदाबाद में ट्रेनिंग चल रही है। उनका कहना है उन्होंने इसके लिए बहुत मेहनत की थी। उन्हें उसी का फल मिला है।
ओबीसी में टॉपर दिल्ली की वंदना :
दिल्ली की ही वंदना राव चौथे स्थान पर हैं। हालांकि ओबीसी श्रेणी में वह टॉपर रही हैं। वंदना ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से 2012 में स्नातक किया है।
बिहार के सुहर्ष आइआरएस अफसर :
प्रथम पांच में अकेले लड़के आइआरएस अफसर सुहर्ष भगत (आयकर कैडर) ने पांचवां स्थान सुरक्षित किया। वह इस समय नागपुर में नियुक्त हैं। बिहार के रहने वाले सुहर्ष आइआइटी बांबे से केमिकल इंजीनियर हैं। उन्हें चौथे प्रयास में सफलता मिली।
चार दिन में नतीजे घोषित :
यूपीएससी के अनुसार पहली बार ऐसा हुआ कि इंटरव्यू की आखिरी तारीख के चार दिन में नतीजे घोषित हो गए। इस बार सिविल सेवा में कुल 1,236 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। इसमें से 590 सामान्य श्रेणी, 354 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), 194 अनुसूचित जाति और 98 अनुसूचित जनजाति के सफल प्रतिभागियों के लिए केंद्र सरकार की विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई है। इस परीक्षा से कुल 1364 पद भरे जाने हैं। यूपीएससी की प्रारंभिक पिछले साल 24 अगस्त को हुई थी। इसमें 9.45 लाख प्रतियोगी शामिल हुए। इसमें से 4.51 लाख ने मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन किया। दिसंबर 2014 में मुख्य परीक्षा में कुल 16,933 प्रतियोगी पास हुए।
दस साल में पहली बार 34 मुस्लिम :
इस प्रतिष्ठित परीक्षा में पिछले दस सालों में इस साल पहली बार 34 मुसलमान प्रतिभागी भी चयनित हुए हैं। इनमें से पांच लड़कियां हैं। पिछले दस सालों में इतनी बड़ी तादाद में सिविल सेवा में मुसलमान प्रतिभागी उत्तीर्ण नहीं हुए थे। इससे पहले 2013 में ही 30 मुसलमान सफल प्रत्याशी रहे थे। वहीं, 2009 में कुल 791 सफल प्रतियोगियों में 31 मुसलमान थे। 2010 में 875 प्रत्याशियों में से 21 मुसलमान थे। खास बात यह कि कश्मीर से सफल प्रतियोगी डॉ. शाह फैजल ने पूरे देश में टॉप किया था।
पीएम ने दी बधाई :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर राष्ट्र सेवा के सफर की शुरूआत के लिए विजयी प्रतियोगियों को बधाई दी। उन्होंने चयनित न होने पाने वाले उम्मीदवारों को कहा है कि यह जीवन का अंग है। इससे भावी संभावनाएं खत्म नहीं होनी चाहिए।