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योगी सरकार ने कसी कमर, यूपी को बनाना है उत्तम प्रदेश

इन दिनों देश के अधिकांश राज्यों में अपने यहां ज्यादा से ज्यादा निवेश आकर्षित करने की होड़ मची हुई है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 20 Feb 2018 10:52 AM (IST)Updated: Tue, 20 Feb 2018 10:52 AM (IST)
योगी सरकार ने कसी कमर, यूपी को बनाना है उत्तम प्रदेश
योगी सरकार ने कसी कमर, यूपी को बनाना है उत्तम प्रदेश

नई दिल्‍ली [कामेश्वर सिंह]। इन दिनों देश के अधिकांश राज्यों में अपने यहां ज्यादा से ज्यादा निवेश आकर्षित करने की होड़ मची हुई है। शायद राज्यों ने एक अच्छी तरह से अब समझ लिया है कि इसी के जरिये ज्यादा से ज्यादा उद्योग-धंधों का विस्तार कर प्रदेश की जनता की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सकता है और विकास के मानक स्थापित किए जा सकते हैं। अब योगी आदित्यनाथ की अगुआई में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस दिशा में अपनी कमर कस ली है और 21-22 फरवरी, 2018 को लखनऊ में ‘यूपी इन्वेस्टर समिट’ आयोजित करने जा रही है।

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विदेशी निवेश आकर्षित करना

इसका उद्देश्य अधिकाधिक घरेलू और विदेशी निवेश आकर्षित करना है ताकि प्रदेश की विकास दर को तेज किया जा सके और युवाओं के लिए पर्याप्त नौकरियों के अवसर सुनिश्चित किए जा सकें। यह पहला मौका है जब उत्तर प्रदेश की सरकार निवेशकों को आमंत्रित कर इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है। योगी सरकार को आखिरकार निवेशक शिखर सम्मेलन के आयोजन की आवश्यकता क्यों पड़ी और इससे प्रदेश को क्या लाभ होगा? यहां इन विषयों पर विचार करना सामायिक एवं समीचीन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को लेकर काम कर रही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पहले ही दिन से इस दिशा में कदम उठा दिया था।

बदहाल ढांचागत व्यवस्थाएं

बदहाल ढांचागत व्यवस्थाएं, उच्च बेरोजगारी दर और खराब कानून व्यवस्था योगी सरकार को विरासत में मिली है। नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (एनएसएसओ) की रोजगार पर 68वें दौर की रिपोर्ट के अनुसार 2011-12 में उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की दर 2.6 प्रतिशत थी। आंकड़े गवाह हैं कि पिछले लगातार 14 साल तक यूपी विकास की राह पर विपरीत दिशा में चलने लगा था। कानून व्यवस्था और बुनियादी सुविधाओं का इस कदर अभाव था कि कोई भी निवेशक वहां अपना कारोबार शुरू करने की हिम्मत तक नहीं जुटाता था। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के अनुसार वर्ष 2016 में देशभर में जितने निवेश के प्रस्ताव आए उसमें से मात्र 3.34 प्रतिशत निवेश के प्रस्ताव यूपी में आए। इसी तरह दो प्रतिशत भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यूपी में नहीं आया। यूपी में जो कुछ घरेलू या विदेशी निवेश आया भी वह सिर्फ नो


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