विजय बहादुर सिंह बने उत्तर प्रदेश के नए महाधिवक्ता
वरिष्ठ वकील विजय बहादुर सिंह को उत्तर प्रदेश का नया महाधिवक्ता बनाया गया है। वी.बी.सिंह को बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2013 में पार्टी से निकाल दिया था। उस वक्त सिंह ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी। बसपा से निकाले जाने के बाद विजय बहादुर सिंह सपा में शामिल हो गए थे।
लखनऊ। वरिष्ठ वकील विजय बहादुर सिंह को उत्तर प्रदेश का नया महाधिवक्ता बनाया गया है। वी बी सिंह को बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2013 में पार्टी से निकाल दिया था। उस वक्त सिंह ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी। बसपा से निकाले जाने के बाद विजय बहादुर सिंह सपा में शामिल हो गए थे।
कभी पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के करीबी रहे विजय बहादुर सिंह बसपा से बेदखल किए जाने के बाद भाजपा की शरण में गए और चुनाव लड़ने के लिए टिकट की मांग की। लेकिन भाजपा द्वारा टिकट नहीं मिलने के बदा वे सपा में शामिल हो गए। सपा में शामिल होने के बाद उन्हें कानून के उच्च अधिकारियों की श्रेणी में शामिल कर दिया गया।
विजय बहादुर सिंह को वरिष्ठ वकील वी सी मिश्रा के स्थान पर लाया गया है। मिश्रा को प्रदेश की अखिलेश सरकार ने 29 जुलाई को महाधिवक्ता पद से हटा दिया था। हालांकि उन्हें पद से हटाए जाने की वजहों का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है। मिश्रा को हटाने के बाद प्रदेश सरकार ने अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में सी बी यादव की नियुक्ति कर उन्हें महाधिवक्ता की सारी प्रशासनिक जिम्मेदारियां सौंप दी थी। लेकिन सरकार के इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई।
याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डी वाइ चंद्रचुड़ और न्यायाधीश डी के अरोड़ा की बेंच ने प्रदेश सरकार को 4 सितंबर तक महाधिवक्ता की नियुक्ति करने का निर्देश दिया। कोर्ट के निर्देश और नीदरलैंड के अपने विदेश दौरे को देखते हुए अखिलेश सरकार ने रविवार को विजय बहादुर सिंह को प्रदेश को नया महाधिवक्ता नियुक्त कर दिया।