मोदी सरकार की उज्जवला योजना नेपाल में भी होगी लागू
भारत व नेपाल के बीच पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति को लेकर नया समझौता भी हुआ है। समझौते के मुताबिक भारत अगले पांच वर्षो तक नेपाल के हाईड्रोकार्बन की जरुरत पूरी करेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को बेहद किफायती दर पर रसोई गैस देने की भारत सरकार की योजना उज्ज्वला को आगे नेपाल में भी लागू किया जा सकता है। नेपाल के बेहद गंभीर ऊर्जा संकट को देखते हुए भारत की तरफ से यह प्रस्ताव पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने नेपाल के आपूर्ति मंत्री दीपक बोहारा के साथ बैठक में सोमवार को किया। प्रधान ने इस योजना से जुड़ी हर तरह की जानकारी व अनुभव नेपाल को देने का प्रस्ताव किया और यह भी कहा कि योजना के लिए जितनी एलपीजी की जरुरत होगी भारत उसे भी अलग से उपलब्ध कराने को तैयार है।
भारत व नेपाल के बीच पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति को लेकर नया समझौता भी हुआ है। समझौते के मुताबिक भारत अगले पांच वर्षो तक नेपाल के हाईड्रोकार्बन की जरुरत पूरी करेगा। दोनों देशों के बीच हर पांच वर्ष बाद यह समझौता होता है क्योंकि नेपाल अपनी हाइड्रोकार्बन जरुरत के लिए पूरी तरह से भारत पर निर्भर है। पिछले वर्ष नेपाल में मधेसी आंदोलन की वजह से भारत से पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति पांच महीनों तक बाधित हो गई थी जिससे वहां जनजीवन पर असर पड़ा था। इससे दोनो देशों के आपसी कूटनीतिक रिश्तों पर भी असर पड़ा था।
नेपाल ने चीन से पेट्रोलियम उत्पादों को लेने की धमकी दी थी और वहां से रसोई गैस भी लिया था। लेकिन यह सिलसिला ज्यादा दिनों तक नहीं चला। वैसे चीन व नेपाल के बीच पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति के लिए लगातार बातचीत हो रही है।
सोमवार को प्रधान ने नेपाल सरकार को आश्वासन दिया कि उसे पेट्रोलियम उत्पादों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। सरकारी कंपनी इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (आइओसी) और नेपाल ऑयल कार्पोरेशन (एनओसी) के बीच समझौता हुआ है। भारत और नेपाल के बीच मोतीहारी (बिहार) से अमलेखगंज (नेपाल) के बीच पेट्रोल और डीजल को पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछाने की परियोजना पर भी चर्चा हुई है। इसके अलावा रसोई गैस आपूर्ति की एक अलग पाइप लाइन बिछाने पर भी चर्चा हुई है। रसोई गैस पाइप लाइन पटना से मोतीहारी होते हुए अमलेखगंज तक बिछाई जा सकती है।